essay on thomas alva edison in hindi

थॉमस एल्वा एडिसन का जीवन परिचय

इलैक्ट्रिक बल्ब जैसी महान खोज करने वाले महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन को कभी मंदबुद्धि कहकर स्कूल से निकाल दिया गया था।

लेकिन उन्होंने अपनी कुशाग्रता और बुद्धिमत्ता के बल पर कई महान अविष्कार कर पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया और बाकी लोगों के लिए मिसाल पेश की है।

थॉमस एल्वा एडिसन के महान जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं, थॉमस एल्वा एडिसन के जीवन के बारे में-

दुनिया को अपने अविष्कार से रोशन करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन का जीवन परिचय – Thomas Alva Edison Biography in Hindi

Thomas Alva Edison

एक नजर में –

थॉमस एल्वा एडिसन
11 फ़रवरी, 1847, मिलन, ऑहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका
सेमुएल ओगडेन एडिसन
नैन्सी मैथ्यु इलियट
स्कूल की पढ़ाई पूरी नहीं की
18 अक्टूबर, 1931

जन्म, परिवार, प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा –

थॉमस एल्वा एडिसन 11 फरवरी, साल 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन शहर में जन्में थे। वे नैंसी मैथ्यु एवं सैमुएल ऑग्डेन एडिसन की सबसे छोटी संतान थे।

शिक्षा –

थॉमस एल्वा एडिसन बचपन से ही बेहद तेज बुद्धि के, कुशाग्र एवं बुद्धिमान छात्र थे। वे शुरु से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे, जिन्हें शुरु से ही नवीन चीजों को जानने की उत्सुकता रहती थी।

हालांकि, शुरुआत में उनकी टीचर ने उन्हें स्कूल में दाखिला लेने के 3 महीने बाद भी मंदबुद्धि कहकर स्कूल से बाहर निकाल दिया थ।

इसके बाद एडिसन ने अपनी मां के मार्गदर्शन में घर पर रहकर ही पढ़ाई की।

एडिसन जब महज 10 साल के थे, तब उन्होंने गिबन, सीआर जैसे महान ग्रंथों के साथ डिक्शनरी ऑफ साइंस की पढ़ाई कर ली थी।

महान वैज्ञानकि थॉमस एल्वा एडिसन के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि स्काटलेट नामक बीमारी से पीड़ित होने की वजह से शुरुआत से ही उनमें सुनने का सामर्थ्य कम था और आखिरी समय में वे अपनी सुनने की शक्ति खो बैठे थे।

हालांकि थॉमस एडिसन ने अपने सफलता के सामने कभी अपने बहरापन को आड़े नहीं आने दिया और अपने लक्ष्य को पाने के लिए वे ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ प्रयास करते रहे और उन्होंने अपनी जिंदगी महान उपलब्धियों को हासिल कर पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

वैवाहिक जीवन –

थॉमस एल्वा एडिसन ने 24 साल की उम्र में 16 साल की मैरी स्टिलवेल नाम की महिला से विवाह कर लिया था। आपको बता दें कि में एडसिन ने मैरी से अपनी मुलाकात के महज 2 महीने के बाद ही उनसे शादी करने का फैसला ले लिया था और फिर 1871 में क्रिसमस के मौके पर वे दोनों एक-दूसरे से शादी के बंधन में बंध गए थे।

उन्हें अपनी इस शादी से तीन बच्चे विलियम, थॉमस जूनियर और मैरियन भी पैदा हुए थे। शादी के करीब 13 साल बाद मैरी स्टिलवेल की बीमारी की वजह से मौत हो गई।

जिसके करीब 1 साल बाद साल 1885 में थॉमस एल्वा एडिसन ने मीना मिलर नाम की महिला के साथ विवाह कर लिया था। अपनी दूसरी शादी से भी एडिसन को मेडेलीन, थिओडोर और चार्ल्स नाम के तीन बच्चे हुए थे।

संघर्षमय जीवन –

इलैक्ट्रिक बल्ब जैसे महान अविष्कार से दुनिया को जगमग करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में काफी संघर्ष किया था।

घर की मालीय हालत ठीक नहीं होने की वजह से घर खर्च में सहयोग करने के लिए उन्होंने घर-घर जाकर अखबार बांटने का काम भी किया।

यही नहीं अपने संघर्ष के दिनों में उन्होंने टेलीफोन ऑपरेटर के रुप में भी काम किया था।

थॉमस एल्वा एडिसन की जॉब:

थॉमस एल्वा एडिसन ने करीब 13-14 साल की छोटी सी उम्र में ही नौकरी ज्वॉइन कर ली थी। दरअसल, संघर्ष के दिनों के दौरान वे ट्रेन के किनारे न्यूज पेपर और टॉफियां बेचते थे।

उसी दौरान उन्होंने एक स्पीड से आ रही मालगाड़ी से ट्रेन की पटरियों पर टहल रहे एक 3 साल के बच्चे जिम्मी मैकेंजी की जान बचाई थी।

वहीं यह बच्चा स्टेशन मास्टर जेयू मैकेंजी का था। वहीं यह देखकर स्टेशन मास्टर बेहद खुश हुए उन्हें टेलीग्राम के बारे में बताया और इसके साथ ही उन्होंने थॉमस एल्वा एडिसन को टेलीग्राफ मशीन ऑपरेट करना भी सिखाया था।

जिसके बाद थॉमस एडिसन ने ओन्टेरियो के स्ट्रेटफोर्ड स्टेशन पर टेलीग्राफी की पहली अपनी नौकरी की थी। बाद में उन्होंने टेलीग्राम उपकरणों में सुधार लाने के लिए भी कई प्रयोग किए थे।

प्रेस ब्यूरों में भी एडिसन ने किया काम:

साल 1866 में दुनिया को अपने अविष्कारों से जगमग करने वाले थॉमस एल्वा एडिसन लुइसविले, केंटुकी चले गए थे। जहां पर उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस के ब्यूरो में भी काम किया।

एडिसन ने वहां पर रात में अपनी ड्यूटी करवा ली थी, जिससे कि उन्हें अपने प्रयोगों के लिए ज्यादा समय मिल सके। वहीं एक दिन ऑफिस में वे बैटरी पर कुछ तेजाब से प्रयोग कर रहे थे, तभी तेजाब नीचे फर्श पर फैल गया।

जिसके बाद थॉमस एल्वा एडिसन को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया था।

उनके अविष्कार –

थॉमस एल्वा एडिसन को बचपन से ही नए-नए अविष्कार करने में रुचि थी। वे अखबार और सब्जी आदि बेचकर जो भी पैसे बचाते थे, अपने प्रयोगों में खर्च कर देते हैं।

एडिसन ने अविष्कारक के रुप में अपना पहला अविष्कार इलैक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर का किया था जिसका पेटेंट उन्होंने 1668 में किया था।

हालांकि, उनके इस अविष्कार को किसी ने नहीं खरीदा था। बहरहाल, अपने इस प्रयोग के बाद एडिसन ने आगे प्रयोग जारी रखे।

इसके बाद उन्होंने हारमोनिक टेलीग्राफ का अविष्कार किया था। फिर इसके बाद माइक्रोफोन और फैक्स मशीन का अविष्कार किया।

साल 1877 में बनाए गए फोनोग्राफ में उन्हें पहचान मिली। इसके बाद साल 1878 से थॉमस एल्वा एडिसन ने अपने सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार इलैक्ट्रिक बल्ब पर काम करना शुरु कर दिया था।

इस अविष्कार में उन्हें हजारों बार असफलता मिली, लेकिन वे अपने हर असफल प्रयास से सीख लेकर अपनी पूरी मेहनत और ईमानदारी के साथ आगे बढ़ते रहे।

इसके बाद साल 1879 में कार्बन थ्रेड फिलामेंट विकसित करने में उन्हें सफलता मिली, इस अविष्कार के लिए उन्हें करीब 40 हजार डॉलर खर्च करने पड़े थे।

आपको बता दें कि महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने पहली बार 22 अक्टूबर 1879 को इस बल्ब को सफलतापूर्वक जलाने में सफलता हासिल की और अपने इस अविष्कार से पूरी दुनिया को जगमग किया।

इसके लिए उन्होंने 27 जनवरी 1880 पेटेंट प्राप्त हुआ। इस अविष्कार के बाद थॉमस एल्वा एडिसन पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हो गए और सबसे महान अविष्कारक के रुप में पहचाने जाने लगे।

महान अविष्कारों की सूची –

  • इलैक्ट्रिक बल्ब
  • ग्रामोफोन
  • इलेक्ट्रॉनिक वोट रिकॉर्डर
  • फोनोग्राम
  • बैट्रीज़
  • कीनेटोस्कोप
  • इलेक्ट्रिक ट्रेन

मृत्यु –

इलैक्ट्रिक बल्ब का अविष्कार करने वाले महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में भी अविष्कार कर रहे थे।

वे एक महान वैज्ञानिक ही नहीं, बल्कि एक जाने-माने व्यापारी भी थे। थॉमस एल्वा एडिसन ने करीब 1093 अविष्कारों के पेटेंट अपने नाम किए थे।

18 अक्टूबर, 1931 में महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने अपनी अंतिम सांस ली और इस दुनिया से वे हमेशा के लिए चले गए।

थॉमस एल्वा एडिसन को लोग आज भी उनके महान अविष्कारों के लिए याद करते हैं।

दिलचस्प एवं रोचक बातें –

महान अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन ने महज 10 साल की उम्र में ही अपनी पहली लैबोरेटरी बना ली थी।

थॉमस एल्वा एडिसन को अपने सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार बल्ब के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी थी। इस प्रयोग को सफल बनाने के लिए उन्हें 10 हजार से भी ज्यादा बार असफलता का सामना करना पड़ा था। वहीं इस पर एडिसन ने कहा था कि ”मै कभी नाकाम नहीं हुआ, बल्कि मैने हजारों ऐसे रास्ते निकाले, जो मेरे काम नहीं आ सके”।

थॉमस एल्वा एडिसन बेहद परिश्रमी थे। कई बार वे बिना सोए लगातार 4-4 दिन तक प्रयोग करते रहते थे। तो कई बार तो प्रयोग करते समय वे खाना खाना ही भूल जाते थे।

दुनिया को अपने अविष्कारों से रोशन करने वाले एडिसन एक अच्छे वैज्ञानिक होने के साथ-साथ सफल व्यापारी भी थे। 1879 से 1900 तक वे अपनी लगभग सभी खोजें पूरी कर चुके थे।

एडिसन ने अलेक्जेंडर की खोज टेलीफोन में कई सुधार भी किए थे। इसके साथ ही साल 1890 में उन्होंने  पहला फिल्मी कैमरा भी बनाया, जो कि उस समय 1 सेकेंड में करीब 25 पिक्चर क्लिक कर सकता था।

थॉमस एल्वा एडिसन को उनकी महान खोजों के लिए दुनिया में हमेशा याद किया जाएगा। उनके जीवन से हर किसी को प्रेरणा लेने की जरुरत है। उनका कहना था कि-

”जीनियस व्यक्ति एक फीसदी प्रेरणा और 99 फीसदी मेहनत से बनता है”

47 thoughts on “थॉमस एल्वा एडिसन का जीवन परिचय”

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एडिसन के बचपन की कहानी बहुत ही रोचक और आकर्षक है। उनकी माँ ने उन्हें स्कूल से निकाले जाने के बाद 6 वर्ष तक पढ़ाया और 10 वर्ष की उम्र तक उन्होंने स्वयं से पढ़ाई कर बहुत ज्यादा ज्ञान प्राप्त कर लिया। और बाद में एडिसन ने अपने ज्ञानबल व प्रयोगों के द्वारा दुनिया को बल्ब की रोशनी से रोशन कर दिया जो वाकई अदभुत खोज थी। बाद में एडिसन ने दुनिया के सामने अपने कुछ प्रेरक विचार रखे। जो हर एक science विद्यार्थी के लिए जानने अत्यंत महत्वपूर्ण है। ताकि विद्यार्थी को इस क्षेत्र में खोज करने व काम करने में प्रेरणा मिल सके।

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Edison is a great sciencetist

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आई तर खरी जीवनाची शिदोरी असते. जिंकण्याची इछ्यशक्ती आईच देऊ शकते

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थाँमस एडिसन का तो जितना भी बडाई करो उतना हि कम

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थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी Biography of Thomas Alva Edison in Hindi

इस लेख में थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी Biography of Thomas Alva Edison in Hindi आप पढ़ सकते हैं। इसमें उनका परिचय, जन्म और प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, विवाह और निजी जीवन, प्रेरणादायक कहानी, शुरुवाती करिअर, महान आविष्कार व खोज, तथा निधन से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई है।

Table of Content

थॉमस अल्वा एडिसन का परिचय Introduction to Thomas Alva Edison in Hindi

इतिहास के कुछ सबसे प्रसिद्ध खोजकर्ताओं में से एक थॉमस अल्वा एडिसन जिनके नाम से आज कोई अछूता नहीं रहा है। दरअसल थॉमस अल्वा एडिसन सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि इसे एक ब्रांड भी कहा जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी।

आज तक के इतिहास में ऐसे बहुत कम लोग हुए हैं, जिन्होंने अपनी सफलताओं से दुनिया को चौंका दिया है। सफल महापुरुषों की सूची में थॉमस अल्वा एडिसन का नाम भी सबसे पहले लिया जाता है।

बचपन में थॉमस अल्वा एडीसन दूसरे बच्चों की तरह बिल्कुल भी नहीं थे। कहते हैं कि वे जिस स्कूल में पढ़ते थे वहां के सभी टीचर्स से लेकर प्रिंसिपल तक हर कोई उनसे परेशान हो चुका था।

थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी बेहद प्रेरणादायक है। कहते हैं कि हर सफल इंसान के पीछे किसी महिला का हाथ होता है। ऐसा ही कुछ एडिसन के साथ भी हुआ है जहां उनकी मां ने सबसे बेवकूफ कहे जाने वाले एक बच्चे को जीनियस बना दिया।

थॉमस एडिसन का जन्म और प्रारंभिक जीवन Birth and Early life of Thomas Alva Edison in Hindi

11 फरवरी 1847 के दिन मिलान, ऑहियो में थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म हुआ था। एडिसन के पिता का नाम सैमुअल एडिसन और मां का नाम नैंसी एडिसन था।

पहले थॉमस एडिसन का पूरा परिवार कनाडा में रहता था, लेकिन मैकेंजी विद्रोह के वजह से उनके पिता सैमुअल एडिसन को अमेरिका में आकर बसना पड़ा, जिसके बाद अमेरिका में ही स्थाई रूप से निवास करने लगे।

अक्सर उन्हें जब खाली समय मिलता तो वह नदी किनारे जाकर एकांत में बैठ जाते थे और कंकड़ों को पानी में फेंका करते थे। शायद यह उनकी कोई जिज्ञासा ही रही होगी।

थॉमस अल्वा एडिसन की शिक्षा Education of Thomas Alva Edison in Hindi

थॉमस अल्वा एडिसन का विद्यार्थी जीवन बड़ा ही मजेदार रहा था। कहा जाता है कि यही वह समय था जब एडिसन में कई बदलाव आए थे।

आपको बता दें कि थॉमस अल्वा एडिसन उन वैज्ञानिकों में शामिल होते हैं जिनकी तथाकथित डिग्री वाली शिक्षा पूरी तो नहीं हो सकी लेकिन उनके विषय में मोटी मोटी पुस्तकें आज के पाठ्यक्रम में छापी जाती हैं।

थॉमस अल्वा एडिसन की स्कूली शिक्षा उनकी माता ने घर पर ही पूरी करवाई थी, क्योंकि उन्हें बचपन में स्कूल से निकाल दिया गया था।

एडिसन ने अपनी पूरी जिंदगी में कभी भी बड़ी-बड़ी यूनिवर्सिटीज का चेहरा भी नहीं देखा था। उन्होंने जो कुछ भी अविष्कार किए थे वे उनकी जिज्ञासा और मेहनत की बदौलत ही थे।

थॉमस एडिसन का विवाह और निजी जीवन Marriage and Personal Life of Thomas Alva Edison in Hindi

थॉमस अल्वा एडिसन जब महज 24 साल के थे, तो उन्होंने 16 साल की एक खूबसूरत लड़की मैरी स्टीलवेल से 25 दिसंबर 1871 में शादी कर लिया। थॉमस अल्वा एडिसन अपनी पत्नी से बेहद प्रेम करते थे।

कुछ सालों बाद ही मीना मिलर नामक एक लड़की से एडिसन ने दूसरी शादी कर ली। मीना मिलर एडिसन से पूरे 20 साल छोटी थी।

क्योंकि उनके पिता एक बड़े बिजनेसमैन थे जिसके बाद एडिसन को भी अपने कुछ एक्सपेरिमेंट करने में आर्थिक रूप से सहायता मिली। आगे चलकर थॉमस अल्वा एडिसन के सभी बच्चे प्रख्यात अविष्कारक बने।

थॉमस अल्वा एडिसन की प्रेरणादायक कहानी The Inspirational Story of Thomas Alva Edison in Hindi

वे ऐसे ऐसे प्रश्न अपने अध्यापकों से करते थे, जिससे उनके अध्यापकों का सिर चकरा जाता था।

एक बार की बात है, जब नैंसी एडिसन जोकि थॉमस अल्वा एडिसन की मां थी उन्हें विद्यालय में एडिसन की शिकायत करने के लिए बुलाया गया। अध्यापक के ऐसे व्यवहार से एडिसन की मां काफी दुखी थी और उन्होंने थॉमस एडिसन को भी अपने विद्यालय की बात मानने के लिए समझाया।

थॉमस अल्वा एडिसन की मां ने जैसे ही उस चिट्ठी को पढ़ा तो उनकी आंख से आंसू बहने लगा। उसमे यह लिखा था, कि मिसेस नैंसी हम आपके बेटे थॉमस अल्वा एडिसन के खराब व्यवहार के चलते उसे पढ़ाने में असफल है।

एडिसन की मां उनका मनोबल नहीं तोड़ना चाहती थी, इसीलिए उन्होंने कहा कि इस पत्र में लिखा है, कि आपका बेटा एक जीनियस है, जिसे पढ़ाने के लिए हमारे विद्यालय में जीनियस शिक्षकों की भी जरूरत है लेकिन हमारे अंदर इतनी काबिलियत नहीं है कि हम आपके बेटे को पढ़ा सकें, इसीलिए कृपा करके उन्हें घर पर ही शिक्षा दें। स्कूल से निकाल देने के बाद थॉमस एडिसन की मां ने ही उनकी आगे की पढ़ाई खुद से पूरी करवाई।

यही वह पल था जब थॉमस अल्वा एडिसन की जिंदगी का सबसे बड़ा मोड़ आया और वहीं से उनके जीनियस बनने का रास्ता भी खुल गया। देखते ही देखते हैं वह आसपास की चीजों के बारे में इतने जानकार हो गए कि उनके माता-पिता भी खुद को आश्चर्यचकित होने से रोक नहीं पाए।

थॉमस एडिसन की शुरुवाती करिअर Early career of Thomas Alva Edison in Hindi

थॉमस अल्वा एडीसन की माता पेशे से एक अध्यापिका थी, जिन्होंने अपने बेटे एडिसन की पढ़ाई घर पर ही करवाई।

जैसे ही थॉमस एडिसन थोड़े बड़े हुए उन्होंने अपने घर में छोटे-मोटे एक्सपेरीमेंट्स करना शुरू कर दिया, जिसके परिणाम स्वरूप कभी-कभी घर के सामानों को थोड़ी बहुत क्षति भी पहुंच जाती थी।

कभी कबार तो घर में छोटी मोटी आंख भी लग जाती थी, जिसके कारण एडिसन के माता-पिता उनकी हरकतों से बड़े परेशान रहते थे। कुछ समय बीतने के बाद थॉमस एडिसन ने बाहर जाकर न्यूज़पेपर बेचने का निर्णय लिया। अपने माता-पिता से इजाजत लेने के बाद उन्होंने अपना छोटा सा कारोबार शुरू किया।

महज 14 साल की उम्र में एडिसन ने अपने खुद के एक प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत की, जिसे आगे बढ़ाने के लिए वे दिन रात मेहनत करते थे।

थॉमस अल्वा एडिसन ने अपने खुद के न्यूज़पेपर का नाम ग्रैंड ट्रंक हेराल्ड रखा। कई बार एडिसन ट्रेन की बोगियों में चढ़कर भी न्यूज़पेपर के साथ-साथ छोटे-मोटे खाने की चीजें भी बेचा करते थे, जिससे थोड़े बहुत पैसे आ जाते थे।

अपने पहले अविष्कार के नाकामयाबी के बाद एडिसन कहां रुकने वाले थे। आगे चलकर वे एकाएक अपने अविष्कारों की सफलतापूर्वक खोज करते गए।

थॉमस अल्वा एडिसन के महान आविष्कार व खोज Great Inventions and Discoveries of Thomas Alva Edison in Hindi

थॉमस अल्वा एडिसन ने अक्टूबर 1879 मैं इसी सिद्धांत पर दिन रात एक कर के मेहनत किया और वे एक ऐसा बल्ब बनाने में सफल हो गए जो एक या दो नहीं बल्कि 10 घंटों से ज्यादा जलने की क्षमता रखता था। और उसके साथ ही एडिसन के द्वारा बनाया गया यह बल्ब बहुत ही प्रकाशमय था।

थॉमस अल्वा एडिसन का निधन Thomas Alva Edison’s Death in Hindi

यह महान आविष्कारक भले ही आज हमारे बीच में उपस्थित ना हो लेकिन किसी समय बेवकूफ कहे जाने वाले बच्चे से लेकर एक महान जीनीयस तक का सफर तय करने वाले सर थॉमस अल्वा एडिसन हमेशा ही हमारी यादों में जिंदा रहेंगे।

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जानिए एक हजार से अधिक पेटेंट करने वाले थॉमस अल्वा एडिसन के बारे में

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  • Updated on  
  • जून 24, 2024

थॉमस अल्वा एडिसन

थॉमस अल्वा एडिसन 20वीं सदी के दुनिया के सबसे महान आविष्कारकों में से एक थे। मोशन पिक्चर कैमरा, फोनोग्राफ, तापदीप्त प्रकाश बल्ब, टेलीफोन ट्रांसमीटर और कई अन्य जैसे आविष्कारों के साथ आधुनिक जीवन में उनका योगदान निर्विवाद रूप से महत्वपूर्ण है, जो आज भी हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि आप सोच रहे हैं कि वह कैसे महान आविष्कारक बने, तो आइए इस ब्लॉग में थॉमस अल्वा एडिसन की शिक्षा के लिए एक यात्रा करें!

This Blog Includes:

थॉमस अल्वा एडिसन की बचपन और प्रारंभिक शिक्षा, उच्च शिक्षा और करियर, थॉमस अल्वा एडिसन द्वारा कुछ महत्वपूर्ण आविष्कार, कुछ जीवन के सबक हम थॉमस अल्वा एडिसन की शिक्षा से सीख सकते हैं.

“हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मानने में निहित है।सफल होने का सबसे निश्चित तरीका हमेशा एक बार और प्रयास करना है। “

थॉमस अल्वा एडिसन मिलान में 11 फ़रवरी 1847 को ओहियो में पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम सामुएल ओगडेन एडीसन जूनियर और माता का नाम नैन्सी मैथ्यू इलियट था। थॉमस अल्वा एडिसन की शिक्षा पारंपरिक मानदंडों के अनुसार नहीं हुई। उन्होंने 1854 में 12 सप्ताह से अधिक समय तक मिशिगन के एक पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की। पर वे अन्य बच्चों से थोड़े से अलग थे जिस वजह से उन्हें शिक्षक से कुछ आलोचनाएँ मिलीं, जिससे उनकी माँ ने उन्हें स्कूल से निकाल लिया। खुद एक निपुण स्कूल शिक्षक होने के नाते, नैन्सी एडिसन ने उन्हें घर में पढ़ाना शुरू किया, जिसने उन्हें अपने प्रारंभिक जीवन में प्रमुख प्रभावों में से एक बना दिया।

एडिसन ने कम उम्र से ही शिक्षा की ओर जिज्ञासा दिखाई और विभिन्न विषयों पर पुस्तकों की एक विस्तृत श्रृंखला पढ़ी। होमस्कूल होने के नाते, एक परिभाषित पाठ्यक्रम की अनुपस्थिति ने उन्हें आत्म-शिक्षा और स्वतंत्र सीखने के लिए एक आदत विकसित करने के लिए प्रेरित किया, कुछ ऐसा जो उनके जीवन भर उनके साथ रहेगा।

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उन्होंने 12 साल की उम्र में ग्रैंड ट्रंक रेल लाइन के यात्रियों को समाचार पत्र बेचना शुरू कर दिया और बाद में ग्रैंड ट्रंक हेराल्ड नामक अपना स्वयं का समाचार पत्र प्रकाशित किया। यहां तक ​​कि उन्होंने अपनी पहली प्रयोगशाला को एक ट्रेन के बैगेज कारों में रासायनिक प्रयोगों का संचालन करने के लिए स्थापित किया। एक असफल प्रयोग के परिणामस्वरूप लगी आग ने उन्हें कंडक्टर द्वारा बाहर निकाल दिया, जिससे उनकी पहले से ही कमजोर सुनने की क्षमता नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई।

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थॉमस अल्वा एडिसन की उच्च शिक्षा में कॉलेज या विश्वविद्यालय का ज्यादा योगदान नही रहा, वह बड़े पैमाने पर अपने आप से सीखा था, या प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की थी। ध्वनि-आधारित संकेतों के विकास ने उनकी सुनने की अक्षमता के कारण उन्हें दूसरों की तुलना में एक असुविधाजनक स्थिति में डाल दिया। लेकिन यह उनके शुरुआती आविष्कारों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बन गया, जो उन उपकरणों का आविष्कार करने पर ध्यान केंद्रित करता था जिनके द्वारा उनकी विकलांगता उनके काम में बाधा नहीं बनती। उन्होंने 1869 में टेलीग्राफी में काम करना छोड़ दिया और नए आविष्कारों के लिए प्रयोग करने में अपने समय का उपयोग किया।

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थॉमस अल्वा एडिसन की एकमात्र औपचारिक शिक्षा न्यूयॉर्क में कूपर यूनियन में की थी। उन्होंने 1872 में कूपर यूनियन में एक रसायन विज्ञान पाठ्यक्रम में दाखिला लिया, जब उन्हें टेलीग्राफ से संबंधित अपने एक आविष्कार के लिए विषय में कम नॉलेज का अहसास हुआ थआ।

उनका एक प्रमुख नवाचार 1876 में मेनलो पार्क, न्यू जर्सी में एक शोध और विकास सुविधा की स्थापना था, जो मेनलो पार्क प्रयोगशाला के रूप में लोकप्रिय हो गया। यह एक ऐसा केंद्र बन गया जहां से उन्होंने कई आविष्कार और नवाचार किए। पहला आविष्कार जिसने उन्हें उच्च प्रशंसा प्राप्त की वह फोनोग्राफ (1877) था। उन्होंने इलेक्ट्रिक लाइटिंग के क्षेत्र में भी बहुत योगदान दिया, तापदीप्त प्रकाश बल्ब उनके सबसे महत्वपूर्ण आविष्कारों में से एक था।

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इस प्रकार, यह उचित रूप से कहा जा सकता है कि थॉमस अल्वा एडिसन की असामान्य शिक्षा के बावजूद, उन्होंने दुनिया में बिजली के आधुनिक युग की शुरुआत करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपनी मृत्यु तक, उनके नाम पर कुल 1093 पेटेंट थे, जो किसी व्यक्ति द्वारा पूरी शताब्दी में आयोजित की गई सबसे बड़ी संख्या थी!

उनके उद्यमशीलता के उपक्रम, जो अपने स्वयं के समाचार पत्र के प्रकाशन के साथ शुरू हुए, बाद में उनके नाम में 14 कंपनियों को शामिल करने के लिए बढ़ा दिया गया। थॉमस अल्वा एडिसन का 18 अक्टूबर 1931 को निधन हो गया, जो दुनिया के लिए महत्वपूर्ण आविष्कारों की विरासत को पीछे छोड़ गए।

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थॉमस अल्वा एडिसन ने विभिन्न नवाचारों के अलावा, उनके नाम पर कई आविष्कार किए थे। नीचे उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध आविष्कार हैं:

  • स्वचालित टेलीग्राफ
  • प्रकाश बल्ब
  •  कार्बन टेलीफोन ट्रांसमीटर
  •  ग्रामोफ़ोन
  •  मोशन पिक्चर कैमरा

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“जब आपने सभी संभावनाओं को समाप्त कर दिया है, तो इसे याद रखें: आपने नहीं किया है।”

काफी हद तक स्व-शिक्षित व्यक्ति होने के नाते, थॉमस अल्वा एडिसन के करियर और शिक्षा ने हमें जीवन के कुछ महत्वपूर्ण सबक सिखाए:

आपकी सफलता आपके प्रयासों पर निर्भर करती है : कोई औपचारिक शिक्षा प्राप्त करना उसे सदी के महानतम अन्वेषकों में से एक बनने से नहीं रोकता था।

आपके पास अपनी कमजोरी को अपनी सबसे बड़ी ताकत में बदलने की ताकत है : उन्होंने सुनने की विकलांगता को अपने सफलता के रास्ते में नहीं आने दिया। इसके बजाय, उन्होंने उन आविष्कारों पर ध्यान केंद्रित किया जो उनकी विकलांगता को उनके काम को प्रभावित नहीं करने देते।

कभी भी असफलता से न भागें: थॉमस अल्वा एडिसन ने अपने आविष्कार प्रयासों के दौरान बहुत सारी असफलताएं देखीं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी ।

Source : Live Hindi

आशा करते हैं कि आपको थॉमस अल्वा एडिसन का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। ऐसे ही इसी तरह और अन्य तरह के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए  Leverage Edu  के साथ बने रहिए।

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थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी | Thomas Alva Edison Biography in Hindi

Thomas Alva Edison /  थॉमस एल्वा एडिसन, अमेरिका के महान आविष्कारक एवं व्यवसायी थे। इन्होने अपने जीवन काल में दर्जनों से भी अधिक अविष्कार किये। मुख्यत इन्हे फोनोग्राफ एवं विद्युत बल्ब के अविष्कार के लिए जाना जाता हैं। 

थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी – Thomas Alva Edison Biography in Hindi

थॉमस एल्वा एडिसन (Thomas Alva Edison)
Samuel Ogden Edison, Jr
Nancy Matthews Elliott
11 फरवरी, 1847
मिलान, ओहियो
अमेरिकन
Self-educated
Mina Miller
Edward Longstreth Medal, Technical Grammy Award,

थॉमस एल्वा एडिसन के आविष्कार को दुनिया आज लोहा मानती है। बचपन में गरीबी से गुजरने वाले महान वैज्ञानिक ने कभी हौसला नहीं खोया। वहीं बिजली के बल्ब की खोज इनकी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है। बिजली के बल्ब के आविष्कार करने में उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी। एडिसन बल्ब बनाने में 10 हजार बार से अधिक बार असफल हुए। जिसपर उन्होंने कहा ‘मैं कभी नाकाम नहीं हुआ बल्कि मैंने 10,000 ऐसे रास्ते निकाले लिए जो मेरे काम नहीं आ सके’।

प्रारंभिक जीवन – Early Life Thomas Alva Edison

थॉमस एल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 में अमेरिका के ओहियो शहर के मिलान गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम सेमुएल एडिसन और माँ का नाम नैन्सी एलियट था। एडिसन अपने माता-पिता की सात संतानों में से सबसे छोटे थे। जिस समय एडिसन की उम्र सात वर्ष की थी, तब उनका परिवार पोर्ट ह्यूरोंन, मिशिगेज चला गया, जहा पर उनके पिता एक बढाई के रूप में फोर्ट ग्रेरियेट में नियुक्त किये गये थे।

युवा एडिसन को छह वर्ष तक माता ने घर पर ही पढ़ाया, सार्वजनिक विद्यालय में इनकी शिक्षा केवल तीन मास हुई।  एडिसन ने अपनी ज्यादातर शिक्षा आर.जी. पार्कर स्कूल से और दी कूपर यूनियन स्कूल ऑफ़ साइंस एंड आर्ट से ग्रहण किया।

थॉमस एल्वा एडिसन के अविष्कार – Thomas Alva Edison Inventions in Hindi

एडीसन ने अपनी पहली प्रयोगशाला सिर्फ 10 साल की आयु में ही बना ली थी। उनकी मां ने उन्हें एक ऐसी पुस्तक दी जिसमें कई सारे रसायनिक प्रयोग दिए हुए थे। एडिसन को यह पुस्तक भा गई और उन्होंने अपने सारे पैसे रसायनो पर खर्च करके यह सारे प्रयोग कर डाले।

एडिसन 12 वर्ष की आयु में फलों और समाचारपत्रों के विक्रय का धंधा करके परिवार को प्रति दिन एक डालर की सहायता देने लगे। वे रेल में पत्र छापते और वैज्ञानिक प्रयोग करते। जब उनका कोई प्रयोग पूरा होने को होता तो वह बिना सोए लगातार 4- 4 दिन इस प्रयोग के खत्म होने तक लगे रहते। साथ ही काम करते समय कई बार अपना खाना खाना ही भूल जाते थे।

एडिसन को बचपन से ही सुनने में तकलीफ होती थी। ये सब तब से चल रहा था जब से बचपन में उन्हें एक तेज़ बुखार आया था और उस से उबरते समय उनके दाहिने कान में चोट आ गयी थी। तभी से उन्हें सुनने में थोड़ी-बहोत परेशानी होती थी।

उनके करियर के मध्य, उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में बताया की जब वे ट्रेन में सफ़र कर रहे थे तभी एक केमिकल में आग लग गयी, जिस वजह से वे ट्रेन के बाहर फेके गये और उनके कान में चोट आ गयी। कुछ साल बाद ही, उन्होंने इस कहानी को तोड़ते हुए एक नहीं कहानी बनाई और कहने लगे की जब चलती ट्रेन में कंडक्टर उनकी मदद कर रहा था, तभी अचानक उनके कान में चोट लगी थी।

थॉमस एडिसन ने 14 साल की आयु में एक 3 साल के बच्चे को ट्रेन के नीचे आने से बचाया। उस बच्चे के पिता ने एडिसन का बहुत धन्यवाद किया। साथ ही एडिसन को टेलीग्राम मशीन चलानी सिखाई। बाद में एडिसन को कहीं पर टेलीग्राम चलाने के विषय में एक स्टेशन पर नौकरी भी मिल गई। उन्होंने अपनी नौकरी का समय रात को करवा लिया, ताकि प्रयोगो के लिए ज्यादा समय मिल सके।

1869 ई. में एडिसन ने अपने सर्वप्रथम आविष्कार “विद्युत मतदानगणक” को पेटेंट कराया। नौकरी छोड़कर प्रयोगशाला में आविष्कार करने का निश्चय कर निर्धन एडिसन ने अदम्य आत्मविश्वास का परिचय दिया। 1870-76 ई. के बीच एडिसन ने अनेक आविष्कार किए। एक ही तार पर चार, छह, संदेश अलग अलग भेजने की विधि खोजी, स्टॉक एक्सचेंज के लिए तार छापने की स्वचालित मशीन को सुधारा, तथा बेल टेलीफोन यंत्र का विकास किया। उन्होंने 1875 ई. में “सायंटिफ़िक अमेरिकन” में “ईथरीय बल” पर खोजपूर्ण लेख प्रकाशित किया; 1878 ई. में फोनोग्राफ मशीन पेटेंट कराई जिसकी 2010 ई. में अनेक सुधारों के बाद वर्तमान रूप मिला।

उन्होंने ज्यादा रेसिस्टेंस वाली कार्बन थ्रेड फिलामेंट विकसित की, जो 40 घंटे तक चल सकती थी। 40 इलेक्ट्रि‍क लाइट बल्ब जलते देखने के लिए 3 हजार लोगों का हुजूम जुटा था। जिसके बाद न्यूयॉर्क सिटी में पर्ल स्ट्रीट पावर स्टेशन खोलने के बाद ग्राहकों को बिजली पहुंचानी शुरू की गई।

एडिसन ने विद्युत प्रकाश के अलावा सिनेमा, टेलीफोन, रिकॉर्ड और सीडी का सृजन किया और योगदान दिया था। उनके समस्त अविष्कार आज किसी न किसी रूप में उपयोग में है। एडीसन के शोधो के आधार पर ही बाद मे रेमिँगटन टाइप रायटर विकसित किया गया। इन्होने एक विद्युत से चलने वाला पेन भी खोजा, जो बाद मे मिमोग्रफ के रूप मे विकसित हुआ। सन् 1889 मे उन्होने चलचित्र कैमरा भी विकसित किया।

एडिसन एक महान अविष्कारक थे, उनके समय में उन्होंने पुरे US के 1093 पेटेंट्स अपने कब्जे में कर रखे थे, और इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और जर्मनी में भी उनके कई सारे पेटेंट्स है। उनके इन सभी पेटेंट्स का उनके अविशाकारो पर बहुत प्रभाव पड़ा।

वे एक वैज्ञानिक ही नही बल्कि एक सफल उद्यमी भी थे। वे हर दिन अपने काम करने के बाद बचे समय को प्रयोग और परिक्षण में लगते थे। उन्होंने अपनी कल्पना शक्ति और स्मरण शक्ति का उपयोग अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में लगाया। उनके इसी टैलेंट की बदौलत उन्होंने 14 कंपनियों की स्थापना की जिनमे जनरल इलेक्ट्रिक भी शामिल है, जो आज भी दुनिया की सबसे बड़ी व्यापर करने वाली कंपनी के नाम से जानी जाती है।

प्रथम विश्वयुद्ध में एडिसन ने जलसेना सलाहकार बोर्ड का अध्यक्ष बनकर 40 युद्धोपयोगी आविष्कार किए। पनामा पैसिफ़िक प्रदर्शनी ने 21 अक्टूबर 1915 ई. को एडिसन दिवस का आयोजन करके विश्वकल्याण के लिए सबसे अधिक अविष्कारों के इस उपजाता को संमानित किया। 1927 ई. में एडिसन नैशनल ऐकैडमी ऑव साइंसेज़ के सदस्य निर्वाचित हुए। 21 अक्टूबर 1929 को राष्ट्रपति दूसरे ने अपने विशिष्ट अतिथि के रूप में एडिसन का अभिवादन किया।

अंतिम समय में बीमार रहने के बावजूद भी उन्होंने कई अविष्कार करने में लगे रहे। मृत्यु को भी उन्होंने गुरुतर प्रयोगों के लिए दूसरी प्रयोगशाला में पदार्पण समझा। “”मैंने अपना जीवनकार्य पूर्ण किया। अब मैं दूसरे प्रयोग के लिए तैयार हूँ””, इस भावना के साथ विश्व की इस महान उपकारक विभूति ने 18 अक्टूबर 1931 को संसार से विदा ली।

और अधिक लेख –

  • सर आइज़क न्यूटन की जीवनी
  • गैलीलियो गैलिली की जीवनी और इतिहास
  • राॅयल एनफील्ड से जुड़े 15 रोचक तथ्य

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बिजली के बल्ब के अविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी

Thomas alva edison biography in hindi, थॉमस एल्वा एडिसन की जीवनी.

थॉमस एल्वा एडीसन एक ऐसे महान वैज्ञानिक जिन्होंने इस दुनिया में प्रकाश से रोशन किया यानि उन्होंने ही बल्ब का अविष्कार किया था, जिस आविष्कार के चलते आज ये दुनिया प्रकाश से जगमगा रही है, तो इस पोस्ट में थॉमस एल्वा एडीसन की जीवनी को पढेगे, जैसा की आप जानते है की जैसे ही अँधेरा होता है तो हम तुरंत बिजली बोर्ड चालू करते है फिर तुरंत बल्ब के द्वारा चारो तरफ उजाला हो जाता है तो ये हमारे अँधेरे को दूर करने वाली बल्ब का प्रकाश हमे तुरंत अँधेरे से दूर कर देता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की ये बल्ब किसने बनाया होगा या कैसे पहली बार बना होगा जो हमारे जीवन के अस्तित्व में आया तो शायद हमने कभी इसके बारे में सोचने का वक़्त ही नही मिला हो.

जरा सोचिये एक छोटे से बल्ब बनाने में अगर हम आज एक बार असफल हो जाए तो क्या हम दोबारा इसे बनाने का प्रयाश करेगे उत्तर सबका शायद ना में ही हो, क्यूकी आज के ज़माने में जब हम एक बार अगर अपनी जिन्दगी में किसी काम को करने में असफल हो गये तो हमे आगे के सारे रास्ते बंद नजर आने लगते है.

लेकिन जरा आप सोचिये इस बल्ब को बनाने में थॉमस ऐल्वा एडीसन 10000 बार से भी ज्यादा हुए फिर भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी लेकिन हजारो बार असफल होने के बाद भी महान वैज्ञानिक थॉमस ऐल्वा एडीसन ने अपने जीवन में कभी हार नही मानी और प्रकाश देने वाले बल्ब का आविष्कार किया जो की सबकी जिन्दगी में एक तरह से प्रकाश से भर दिया.

तो आईये थॉमस ऐल्वा एडीसन के जीवन और जीवन से जुडी से कुछ बाते Thomas Alva Edison Biography in Hindi के जरिये जानते है ..

Table of Contents :-

थॉमस ऐल्वा एडीसन का जीवन परिचय 

Thomas Alva Edison Biography in Hindi – थॉमस ऐल्वा एडीसन का जन्म 11 फ़रवरी 1847 ईस्वी को अमेरिका के ओहायो राज्य के मिलैन नगर में हुआ था, थॉमस अल्वा एडिसन को दुनिया में सबसे अधिक आविष्कारक करने वाले के रूप में जाना जाता है.

लेकिन सोचो दोस्तों क्या थॉमस ऐल्वा एडीसन बचपन में भी ऐसे थे तो शायद नही, उन्हें बचपन में मंदबुद्धि के रूप में जाना जाता है एक बार तो उनके स्कूल के अध्यापक तो उन्हें स्कूल के ड्रेस और फीस न होने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया.

गरीबी के कारण उनकी माँ ने उन्हें घर पर ही पढ़ाने का निर्णय लिया और जिस बेटा के पीछे माँ की पढाई हो तो उसे अपनि जीवन में सफलता मिलना निश्चित ही है फिर इसके बाद वे Open School से फॉर्म भरकर माँ से ही पढाई करते हुए सारे एग्जाम पास करते गये और माँ द्वारा दी गयी शिक्षा के चलते ही मात्र दस साल की आयु में उन्होंने अपना पहला प्रयोगशाला भी बना लिया था और माँ के द्वारा दी गयी पुस्तको पर अपना प्रयोग करना शुरू कर दिया था.

इतना ही नही जब वे बारह साल के थे अपनी माँ की आर्थिक स्थिति सुधराने के लिए वे समाचारपत्रों को  भी बेचना शुरू कर दिए थे इस तरह से वे प्रतिदिन एक डालर कमाने लगे.

और फिर आगे चलकर उन्होंने तार कर्मचारी के रूप में नौकरी करने लगे और इन्ही कमाए पैसो से अपना प्रयोग करते थे.

एडिसन बचपन से ही माँ की शिक्षा से वे काफी जिज्ञाशु हो गये थे और उनकी सबसे बड़ी खूबी यही थी की जो जानते या मालूम होता तो उसपर प्रयोग करना शुरू कर देते थे ताकि पता चल सके की कही गयी बाते सत्य तो है न.

एक बार इनके बचपन में इन्हें बताया गया की कीड़े खाने से ही पक्षी उड़ते है तो उन्होंने जिज्ञासावश इसे सिद्ध करने के लिए वे बगीचे से ढेर सारे कीड़े उठा लाये और उनका घोल बनाकर अपने दोस्त को पिला की शायद उनका दोस्त उड़ने लगे लेकिन इसका उल्टा असर हुआ और वह बीमार हो गया.

वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन को आविष्कार के प्रति इनका जूनून को देखकर इन्हें लोग पागल और सनकी कहने लगे थे लेकिन इनकी कभी हार न मानने की प्रवित्ति ही इन्हें महान बनाती है शायद दूसरा कोई होता तो बल्ब का अविष्कार नही हो पाता लेकिन हाजार बार असफल होने के बावजूद भी इन्होने वो कर दिखाया जो शायद इस दुनिया के लिए अद्भुत भेट है पूरी दुनिया आज इन्ही की देंन से प्रकाश से प्रकाशित है.

वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन अपने प्रयोगों की खातिर अपने नौकरी तक छोड़ दिए थे जो की एक अदम्य साहस का परिचय दिखता है बचपन में मंदबुद्धि का बालक अपने जीवन काल में 1,093 आविष्कारों का जनक बने जो की शायद एक विश्व रिकॉर्ड है इतने अधिक आविष्कार इनके अलावा अब तक किसी ने नही किया है.

दोस्तों थॉमस अल्वा एडिसन का मानना था की अगर हम हजार बार असफल हो रहे है तो इसका मतलब हम कुछ गलत कर रहे है वरना हम पहली ही बार में सफल हो सकते है इसलिए जब हम पहली बार या कितनी बार भी असफल हो रहे है तो हमारे मन में बस यही होना चाहिए की बस एक बार और इसके बाद अब गलती नही करना तो अगर हजार बार असफल होकर भी हम सफलता के कदम चूम सकते है.

उनका मानना था की हम किसी से अगर प्रेरणा ले सकते है तो निश्चित ही हम उसे पूरा करने में अपना १००% परिश्रम भी दे सकते है अगर परिश्रम सही से किया जाय तो हजार बार असफल होने के बाद भी हम सफल हो सकते है.

और अगर हम अपनी कमजोरियों से हार मान लेते है तो यही हमारी सबसे बड़ी असफलता है जो की कोई भी ऐसा नही चाहेगा यानी असफलता से सीख लेने से ही हम सफलता की ओर बढ़ सकते है 21 अक्टूबर 1879 ई. को एडिसन ने बल्ब विश्व को भेंट किया, और उन्होंने अपने जीवनकाल में ऐसा करके दिखाया जो की मानवता जाति के लिए एक मिशाल है.

अगर इन्सान का जन्म हुआ है तो उसे इस दुनिया से एक दिन जाना भी पड़ेगा और यही सार्वभौमिक सत्य है इस महान वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन ने 18 अक्टूबर 1931 को संसार से विदा ली। और जाते जाते पूरी दुनिया को रोशन कर गए.

थॉमस अल्वा एडिसन का हमारे जीवन में सीख

Thomas Alva Edison Biography in Hindi – आज के समय में सोचिये अगर हम कुछ भी करते है तो उसका पहली बार में सौ प्रतिशत अपने पक्ष में परिणाम चाहते है जो की हमारे अनुकूल हो और जिससे हम अपने कार्यो में पहली ही बार में सफल के रूप में जाने जाए लेकिन ऐसा कदापी विरलय लोग कर पाते है.

लेकिन अगर हम पहली बार में असफल हो भी गये तो इसका मतलब कदापि ये नही है की अब हम कभी सफल ही नही हो सकते है क्यू की सफलता के पीछे असफलता जरुर होती है.

सफलता और असफलता भी एक सिक्के के दो पहलु है अगर हम बार बार असफल हो हो रहे है इसका सीधा मतलब है की हमारे द्वारा कुछ गलत किया जा रहा है जो की हमरे सफलता की राह में रुकावट डाल रही है.

तो जो लोग सच में कुछ करना चाहते है वे ही लोग अगर हजार बार असफल हो भी जाये तो भी वे कभी हार नही मानते है और यही उनकी परिश्रम और लगन एक दिन निश्चित सफलता दिलाती है.

मान लीजिये हम किसी भी क्षेत्र में अपना सौ प्रतिशत दे रहे है फिर भी हम असफल हो रहे है इसका मतलब हमारे द्वारा कही न कही कोई गलती की जा रही है तो ये वही स्थिति होती है जब हमारे जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा होती है.

अगर इस समय मन में ठान ले की एक बार और कोशिश करेगे तो निश्चित ही अगली बार पहले की अपेक्षा हम और अच्छा करे फिर भी न सफल हो तो हम खुद से हार माने ही न.

क्यू की जैसा कहा भी गया है –

“मन के हारे हार है मन के जीते जीत”

यानी हमने मान की हम जीत नही सकते है तो हमारी सबसे बड़ी हार है इन्सान परिस्थतियो से हार जाए तो आगे जीत भी सकता है लेकीन खुद से मान ले की वह कभी जीत नही सकता तो वो फिर चाहकर भी जीत नही पाता है.

तो हम जो भी कुछ अपनी जीवन में बनना चाहते है हो सकता है हमे पहली बार में निराशा हाथ लगती हो लेकिन हमे खुद से कभी हार न मानना चाहिए और फिर से कोशिश एक बार का मन्त्र अपनी जीवन में अपनाना चाहिए फिर तो हमारी सफलता निश्चित ही होंगी.

थॉमस ऐल्वा एडीसन का जीवन परिचय संक्षेप मे 

थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 को अमेरिका के मिलान, ओहायो राज्य में हुआ था।
उन्हें बिजली के जनक के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने विविध उपकरणों का आविष्कार किया जो बिजली का उत्पादन और उपयोग करने में मदद करते थे।
उन्होंने बिजली विद्युत लैंप का आविष्कार किया, जो अब हम सभी के घरों में रोशनी प्रदान करने के लिए प्रयुक्त होता है।
एडिसन ने कई और उपकरणों का आविष्कार किया, जैसे कि ग्राफाइट फ़िलामेंट के साथ कार्बन वायर वाला बिजली बल्ब, किनेटोस्कोप, टेलीग्राफ़, आदि।
उनके उपकरणों ने बिजली के उत्पादन और उपयोग को सरल बनाया और जनता तक पहुँचाया।
एडिसन को बिजली के फिलामेंट के साथ विद्युत विकिरण का आविष्कार किया था, जिससे लैंपें दीप्ति उत्पन्न कर सकती थीं।
उन्होंने भौतिकी, केमिस्ट्री, और विज्ञान में व्यापक अध्ययन किया और नए अनुसंधान किए।
एडिसन का उपकरण विकास और अनुसंधान करने का सिद्धांत उनकी सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण था।
उन्होंने केवल अपनी विज्ञान की समझ का उपयोग किया, बल्कि व्यावसायिक उत्पादन में भी इसका लाभ लिया।
उनका काम और अनुसंधान बिजली के क्षेत्र में विशेष योगदान के रूप में माना जाता है।
उनके उपकरणों का उपयोग और विकास आधुनिक और प्रौद्योगिकी युग में विशेष महत्व रखता है।
उन्होंने अपने उपकरणों के विकास के लिए कई विज्ञानिक प्रयोग और अध्ययन किए।
एडिसन का एक प्रमुख उत्पाद था एडिसन इलेक्ट्रिक लाइट कंपनी, जो बिजली के आपूर्ति के क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध हुई।
उन्होंने अपने जीवन में कई पेटेंट प्राप्त किए और उनके नाम उनके उपकरणों के लिए दिए गए।
उनका उपकरणों का उपयोग भारतीय राष्ट्रीय बिजली विज्ञान संस्थान (आईईई) जैसे संस्थानों में भी होता है।
एडिसन ने भौतिकी, केमिस्ट्री, और विज्ञान में अपनी योगदान की नकल और अध्ययन किए।
उन्होंने अपने उपकरणों के विकास के लिए अनेक उद्योगी तकनीकी और विज्ञानिक प्रयोग किए।
एडिसन के उपकरणों का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि उद्योग, विज्ञान, और आविष्कार में किया जाता है।
उनकी उपकरणों ने बिजली के उत्पादन और उपयोग को सरल बनाया और जनता तक पहुँचाया।
एडिसन की एक प्रमुख प्रतिभा थी उनकी विचारशीलता और प्रयोगशीलता, जिसने उन्हें उनके उपकरणों के निर्माण में मास्टर बना दिया।
उन्होंने विभिन्न विज्ञान क्षेत्रों में अपनी शोध प्रतिभा का प्रदर्शन किया और नए अध्ययन किए।
एडिसन की योगदान से ही आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अद्वितीय विकास हुआ।
उन्होंने अपनी सफलता के पीछे अपनी मेहनत, उत्साह, और प्रतिबद्धता का बहुत बड़ा हिस्सा माना।
उन्होंने विविध विज्ञानिक अनुसंधान और प्रयोग किए और नए उपकरणों का विकास किया जो उनके उत्पाद की स्थापना की।
एडिसन की उपकरणों की विशेषता यह थी कि वे प्रयोगशील और उपयोगी थे, जो समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने अपने उपकरणों के माध्यम से बिजली के उत्पादन और उपयोग के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन किए।
उनका काम और उपकरण आज भी विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक रूप से प्रयोग किए जाते हैं।
उनके उपकरणों की योग्यता, प्रभावीता, और सरलता के कारण उन्हें आज भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
उन्होंने अपने जीवन के दौरान विविध विज्ञानिक अनुसंधान और प्रयोग किए, जो उन्हें एक प्रमुख वैज्ञानिक बनाते हैं।
एडिसन के योगदान का प्रभाव आज भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महसूस किया जाता है और उन्हें एक महान आविष्कारक के रूप में याद किया जाता है।

तो आप सबको थॉमस अल्वा एडिसन के बारे में दी गयी जानकारी कैसा लगा कृपया कमेंट बॉक्स में जरुर बताये.

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थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी – Thomas Alva Edison Biography Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी – Thomas Alva Edison Biography Hindi के बारे में बताएगे।

थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी – Thomas Alva Edison Biography Hindi

(English -Thomas Alva Edison) थॉमस अल्वा एडिसन महान अमेरीकी आविष्कारक एवं वीध्वांत व्यक्ति थे।

एडिसन ने अक्टूबर 1868 को 21 साल की उम्र में पहला पेटेंट इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डरका हासिल किया।

1869 में न्यूयॉर्क आ गए और स्टॉक टिकर का आविष्कार किया।

अपने जीवन में 1093 अमेरिकी पेटेंट कराए।

टाइम पत्रिका ने उन्हे 1997 में एक हजार सालों में दुनिया के सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों में पहला स्थान दिया।

संक्षिप्त विवरण

थॉमस अल्वा एडिसन
थॉमस अल्वा एडिसन
 11 फरवरी 1847
मिलन, ऑहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका
सेमुएल ओगडेन एडिसन
नैन्सी मैथ्यु इलियट
  अमेरिकी
देववादी

जन्म – थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी

Thomas Alva Edison का जन्म 11 फरवरी 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन शहर में हुआ था।

उनके पिता का नाम सेमुएल ओगडेन एडिसन तथा उनकी माता का नाम नैन्सी मैथ्यु इलियट था।

उन्होंने 24 साल की उम्र में 16 साल की मैरी स्टिलवेल नाम की महिला से विवाह कर लिया था।

एडसिन ने मैरी से अपनी मुलाकात के महज 2 महीने के बाद ही उनसे शादी करने का फैसला ले लिया था और फिर 1871 में क्रिसमस के मौके पर वे दोनों एक-दूसरे से शादी के बंधन में बंध गए थे।

उन्हें अपनी इस शादी से तीन बच्चे विलियम, थॉमस जूनियर और मैरियन भी पैदा हुए थे।

शादी के करीब 13 साल बाद मैरी स्टिलवेल की बीमारी की वजह से मौत हो गई।

इसके करीब 1 साल बाद उन्होने 1885 में मीना मिलर नाम की महिला के साथ विवाह कर लिया था।

अपनी दूसरी शादी से भी एडिसन को मेडेलीन, थिओडोर और चार्ल्स नाम के तीन बच्चे हुए थे।

थॉमस अल्वा एडिसन बचपन से ही बेहद तेज बुद्धि के, कुशाग्र एवं बुद्धिमान छात्र थे।

वे शुरु से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति के थे, जिन्हें शुरु से ही नवीन चीजों को जानने की उत्सुकता रहती थी।

लेकिन शुरूआत में उनके अध्यापक ने उन्हें स्कूल में दाखिला लेने के 3 महीने बाद भी मंदबुद्धि कहकर स्कूल से बाहर निकाल दिया थ।

इसके बाद उन्होने अपनी मां के मार्गदर्शन में घर पर रहकर ही पढ़ाई की।

एडिसन जब महज 10 साल के थे, तब उन्होंने गिबन, सीआर जैसे महान ग्रंथों के साथ डिक्शनरी ऑफ साइंस की पढ़ाई कर ली थी।महान वैज्ञानकि थॉमस अल्वा एडिसन के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि स्काटलेट नामक बीमारी से पीड़ित होने की वजह से शुरुआत से ही उनमें सुनने का सामर्थ्य कम था और आखिरी समय में वे अपनी सुनने की शक्ति खो बैठे थे।

लेकिन एडिसन ने अपने सफलता के सामने कभी अपने बहरापन को आड़े नहीं आने दिया और अपने लक्ष्य को पाने के लिए वे ईमानदारी और कड़ी मेहनत के साथ प्रयास करते रहे और उन्होंने अपनी जिंदगी महान उपलब्धियों को हासिल कर पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

थॉमस अल्वा एडिसन ने करीब 13-14 साल की छोटी सी उम्र में ही नौकरी ज्वॉइन कर ली थी। दरअसल, संघर्ष के दिनों के दौरान वे ट्रेन के किनारे न्यूज पेपर और टॉफियां बेचते थे।उसी दौरान उन्होंने एक स्पीड से आ रही मालगाड़ी से ट्रेन की पटरियों पर टहल रहे एक 3 साल के बच्चे जिम्मी मैकेंजी की जान बचाई थी।

वहीं यह बच्चा स्टेशन मास्टर जेयू मैकेंजी का था। वहीं यह देखकर स्टेशन मास्टर बेहद खुश हुए उन्हें टेलीग्राम के बारे में बताया और इसके साथ ही उन्होंने थॉमस अल्वा एडिसन को टेलीग्राफ मशीन ऑपरेट करना भी सिखाया था।

जिसके बाद थॉमस एडिसन ने ओन्टेरियो के स्ट्रेटफोर्ड स्टेशन पर टेलीग्राफी की पहली अपनी नौकरी की थी।

बाद में उन्होंने टेलीग्राम उपकरणों में सुधार लाने के लिए भी कई प्रयोग किए थे।

1866 में दुनिया को अपने अविष्कारों से जगमग करने वाले थॉमस अल्वा एडिसन लुइसविले, केंटुकी चले गए थे। जहां पर उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस के ब्यूरो में भी काम किया।एडिसन ने वहां पर रात में अपनी ड्यूटी करवा ली थी, जिससे कि उन्हें अपने प्रयोगों के लिए ज्यादा समय मिल सके। वहीं एक दिन ऑफिस में वे बैटरी पर कुछ तेजाब से प्रयोग कर रहे थे, तभी तेजाब नीचे फर्श पर फैल गया।

जिसके बाद थॉमस अल्वा एडिसन को नौकरी से बाहर निकाल दिया गया था।

आविष्कार – थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी

एडिसन ने अक्टूबर 1868 को 21 साल की उम्र में पहला पेटेंट इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर का हासिल किया।

1869 में एडिसन ने अपने सर्वप्रथम आविष्कार “विद्युत मतदानगणक” को पेटेंट कराया।

नौकरी छोड़कर प्रयोगशाला में आविष्कार करने का निश्चय कर निर्धन एडिसन ने अदम्य आत्मविश्वास का परिचय दिया।

1870-76  के बीच एडिसन ने अनेक आविष्कार किए। एक ही तार पर चार, छह, संदेश अलग अलग भेजने की विधि खोजी, स्टॉक एक्सचेंज के लिए तार छापने की स्वचालित मशीन को सुधारा, तथा बेल टेलीफोन यंत्र का विकास किया।

उन्होंने 1875 में “सायंटिफ़िक अमेरिकन” में “ईथरीय बल” पर खोजपूर्ण लेख प्रकाशित किया;

1878 में फोनोग्राफ मशीन पेटेंट कराई जिसकी 2010  में अनेक सुधारों के बाद वर्तमान रूप मिला।

21 अक्टूबर 1879 को एडिसन ने 40 घंटे से अधिक समय तक बिजली से जलनेवाला निर्वात बल्ब विश्व को भेंट किया।

1883 में “एडिसन प्रभाव” की खोज की, जो कालांतर में वर्तमान रेडियो वाल्व का जन्मदाता सिद्ध हुआ। अगले दस वर्षो में एडिसन ने प्रकाश, उष्मा और शक्ति के लिए विद्युत के उत्पादन और त्रितारी वितरण प्रणाली के साधनों और विधियों पर प्रयोग किए; भूमि के नीचे केबुल के लिए विद्युत के तार को रबड़ और कपड़े में लपेटने की पद्धति ढूँढी; डायनेमो और मोटर में सुधार किए। यात्रियों और माल ढोने के लिए विद्युत रेलगाड़ी तथा चलते जहाज से संदेश भेजने और प्राप्त करने की विधि का आविष्कार किया।

एडिसन ने क्षार संचायक बैटरी भी तैयार की। लौह अयस्क को चुंबकीय विधि से गहन करने का प्रयोग किए, 1891 में चलचित्र कैमरा पेटेंट कराया एवं इन चित्रों को प्रदर्शित करने के लिए किनैटोस्कोप का आविष्कार किया।

Thomas Alva Edison 1927 में नैशनल ऐकैडमी ऑव साइंसेज़ के सदस्य निर्वाचित हुए।

21 अक्टूबर 1929 को राष्ट्रपति दूसरे ने अपने विशिष्ट अतिथि के रूप में एडिसन का अभिवादन किया।

अविष्कारों की सूची

इलैक्ट्रिक बल्बग्रामोफोनइलेक्ट्रॉनिक वोट रिकॉर्डर
फोनोग्रामबैट्रीज़कीनेटोस्कोप
इलेक्ट्रिक ट्रेन
  • हम किसी चीज के 1 परसेंट के 10 लाखवें हिस्से के बारे में भी नहीं जानते हैं।
  • मैं अपनी सबसे बड़ी ख़ुशी और अपना इनाम उस काम में पा लेता हूँ जो उससे पहले आता है जिसे दुनिया सफलता कहती है।
  • एक शानदार आईडिया चाहते हो तो ढेर सारे आइडियाज सोचो।
  • जितनी काबिलियत है उससे कहीं अधिक अवसर हैं।
  • लगभग हर व्यक्ति जो किसी आईडिया को विकसित करता है, उसपर तब तक काम करता है जब तक वो असंभव न लगने लगे, और तब वो निराश हो जाता है। ये वो जगह नहीं जहाँ निराश हुआ जाए।
  • जब मैं पूरी तरह से तय कर लेता हूँ कि कोई परिणाम प्राप्त करने योग्य है तो मैं आगे बढ़ता हूँ और परीक्षण पर परीक्षण करते चला जाता हूँ जब तक कि वो आ ना जाये।
  • मुझे इस तथ्य पर गर्व है कि मैंने कभी भी हत्या करने के लिए हथियारों का आविष्कार नहीं किया।
  • साहसी बनो. मैंने व्यापार में मंदी के कई दौर देखे हैं। हमेशा अमेरिका इनसे और अधिक शक्तिशाली और समृद्ध होकर निकला है। अपने पूर्वजों की तरह बहादुर बनो। विश्वास रखो! आगे बढ़ो!

मृत्यु – थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी

Thomas Alva Edison की मृत्यु 18 अक्टूबर 1931 में  हुआ था।

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Sonu Siwach

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Thomas alva edison in hindi essay & biography थॉमस एडिसन की जीवनी.

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Thomas Alva Edison in Hindi

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एक प्रचलित कहावत है ‘एक जीनियस का अर्थ है- एक प्रतिशत प्रेरणा और निन्यानवे प्रतिशत परिश्रम।’ अमेरिका के इस विशिष्ट आविष्कारक को 1093 आविष्कार (पेटेंटस) करने का श्रेय जाता है। विद्युत बल्ब, रिकॉर्ड किए गए संगीत, चलचित्र इत्यादि ये सारे आविष्कार इसी महान जीनियस की देन हैं।

थॉमस एल्वा एडीसन का जन्म अमेरिका में मिलान नामक शहर में 11 फरवरी 1847 को डच परिवार में हुआ था। उनके पिता सेमुअल आग्डन एडीसन एक लाइट हाऊस के इंचार्ज थे। एडीसन बचपन से ही विचारशील थे और विद्यालय में भी अपने विचारों में डूबे रहते थे। इस बात से उनके अध्यापक बड़े रुष्ट थे। एडीसन की माँ नैंसी मैथ्यु इलियट ने स्कूल के अध्यापकों से बातचीत की तो उसे कोई भी संतोषजनक उत्तर न मिला। वे समझते थे कि लड़का बिल्कुल बुद्धु है। इससे नाराज होकर माँ ने एडीसन का स्कूल छुड़वा दिया। किन्तु वह सबको कहती कि उसका बेटा बड़ा व्यक्ति बनेगा। माँ के इसी विश्वास से एडीसन को उत्साह मिलता और वह अपनी खोज में लग जाता। माँ उसे खाने के लिए बुलाती पर वह कमरे से बाहर न निकलता। वह खाना कमरे में रख देती तो खाना वैसे ही पड़ा रहता। जब वह मात्र दस वर्ष के थे तो उन्होंने अपने पिता के कार्यस्थल की बेसमैंट में एक प्रयोगशाला बनाई। मात्र 12 वर्ष की आयु से ही ट्रेनों में अख़बार तथा टॉफियाँ बेचते और बाकी समय अपनी ख़ोजों में लगे रहते। वह जो भी पैसा कमाते, उसे खोज के काम में लगा देते।

एक गहन निरीक्षक होने के नाते उन्हें एक टेलीग्राफ़र के तौर पर नौकरी मिल गई। परन्तु वहाँ पर उनका मन नहीं लगा। पाँच वर्षों तक एडीसन अलग-अलग कम्पनियों में नौकरी करते रहे। वे अपने परिश्रम से शीघ्र ही काम निपटा लेते थे। ख़ाली समय में वे अपने प्रयोग कर लिया करते थे।

अपने कार्य को आगे बढ़ाने के लिए धन की आवश्यकता थी, इसलिए वह न्यूयॉर्क चले गये। वहाँ इन्होंने एक साधारण सा कमरा किराये पर लिया, जिसमें एक मशीन लगी हुई थी। एक दिन मशीन चलते-चलते एकाएक रुक गई । कम्पनी का सारा काम ठप्प हो गया। कम्पनी के मैनेजर उसे ठीक करने के लिए कारीगरों को बुलाया पर वे उस मशीन को चालू न कर सके। एडीसन यह सब देख रहे थे। उन्होंने अपनी योग्यता से मशीन को बिल्कुल ठीक कर दिया। उनके काम से मैनेजर बहुत प्रसन्न हुआ। उसने एडीसन को कम्पनी में तीन सौ डॉलर मासिक वेतन पर नौकरी पर रख लिया। आर्थिक समस्या हल हो जाने पर पुनः प्रयोगों का सिलसिला आरम्भ हुआ।

एक टेलीग्राफ़ कम्पनी में सुपरवाइज़र के तौर पर काम करते हुए उन्होंने एक स्टॉक प्रिंटर का निर्माण किया। इस प्रिंटर के निर्माण से मिले पैसों से उन्होंने अपने शोधकार्य तथा प्रयोगों को जारी रखने के लिए प्रयोगशाला का निर्माण करवाया।

पहले सिनेमा में केवल चलती-फिरती तस्वीरें ही होती थी। वे बोलती नहीं थी। एडीसन ने उनमें आवाज़ भरी, बेतार का तार, टाइपराइटर और टेलीफ़ोन को भी उन्होंने अधिक उपयोगी बनाया। एडीसन ने थोडे ही दिनों में संकेत भेजने की एक मशीन बनाई। जिसके लिए उन्हें पुरस्कार में चालीस हजार डॉलर मिले। इस धन से उन्होंने अपनी प्रयोगशाला स्थापित कर ली।

उन्होंने पौधों का परीक्षण करके एक ऐसा पौधा खोज निकाला जिससे रबड़ तैयार किया गया। सन् 1878 में उन्होंने लाइट बल्ब का प्रदर्शन किया। यह एक कार्बन फिलामैंट वाला इलैक्ट्रिक बल्ब था किन्तु बिजली को प्रकाश के रूप में बदलने का आविष्कार एडीसन ने 27 जनवरी 1880 को किया। जब एडीसन इलैक्ट्रिकल लैंप पर प्रयोग कर रहे थे तो उन्होंने एडीसन इफैक्ट नामक एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त का प्रतिपादन किया था। इस खोज़ के चलते इलैक्ट्रॉन वाल्वज़ का आविष्कार भी संभव हुआ। ध्वनि पैदा करने और उसे रिकॉर्ड करने वाली फ़ोनोग्रॉफ़ मशीन की ख़ोज की। जिसने मानवीय आवाज को अमर बना दिया।

सन् 1882 में उन्होंने पावर जैनरेटिंग स्टेशन की स्थापना की। जो कि न्यूयार्क के कुछ घरों को बिजली की आपूर्ति करता था। आगे जाकर उन्होंने काइनेटोग्राफ़ का आविष्कार किया। यह आधुनिक मोशन पिक्चर कैमरे के निर्माण की ओर पहला कदम था। आज के सिनेमा घर आविष्कारों के आविष्कारक एडीसन के कारण ही हमारे सामने हैं। उनके अन्य आविष्कारों में शामिल है एक्स-रेज, टेलीफ़ोन तथा अन्य इलैक्ट्रिक उत्पाद ने अमेरिका का एक धनवान व्यक्ति बना दिया।

एडीसन बहुत ही परिश्रमी थे। वे अपनी धुन के पक्के थे। वे आराम करना तो जानते ही नहीं थे। तीन-चार घंटे ही रात में सोते थे। वे दिनरात में बीस-बीस घंटे काम करते थे। निरन्तर परिश्रम अनुपम कल्पनास्मरण शक्ति असीम धैर्य द्वारा ही उन्होंने सफलता पाई। सफलता की कुंजी के रूप में उनके कहे ये शब्द बहुत मूल्यवान है- “हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मान लेना है, सफल होने का सबसे निश्चित तरीका है कि हमेशा एक और बार प्रयास करना क्योंकि जब आप असफल होते हैं और काम को छोड़ देते हो, तब आप सफलता के बहुत करीब होते हो।” जीवन के अंतिम क्षणों तक एडीसन काम में लगे रहे। उन्हें पक्षियों से बहुत प्यार था। इसलिए उन्होंने एक पक्षीगृह बनवाया था। जिससे पक्षियों की पाँच हजार प्रजातियां थी।

उन्हें प्रथम औद्योगिक अनुसंधान प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय जाता है। उनके जीवनकाल से ही उनकी प्रयोगशाला, उपकरण मशीनें आदि अजायबघर के रूप में परिवर्तित होने लगी थी। इस जीनियस आविष्कारक का 18 अक्तूबर 1931 को देहावसान हो गया। सन् 1962 में उनकी वेस्ट आरेज स्थित प्रयोगशाला भी राष्ट्र की ऐतिहासिक धरोहर के रूप में परिवर्तित हो गई। अपने आविष्कारों के द्वारा विश्व के महानतम वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडीसन आज भी अमर हैं।

“एडीसन ने राष्ट्र ही नहीं दुनिया को बहुत कुछ दिया।”

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Home » Biography Hindi » थॉमस अल्वा एडिसन का जीवन परिचय Biography Of Thomas Alva Edison In Hindi

थॉमस अल्वा एडिसन का जीवन परिचय Biography Of Thomas Alva Edison In Hindi

इस आर्टिकल Biography Of Thomas Alva Edison In Hindi  में थॉमस अल्वा एडिसन का जीवन परिचय जानेंगे। थॉमस अल्वा एडिसन दुनिया के एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने मानव जीवन को आसान बनाने के लिए हजारों आविष्कार किये। थॉमस एडिसन ने बल्ब का आविष्कार किया था। तो आइये दोस्तों, थॉमस एडिसन की जीवनी पर प्रकाश डालते है।

में असफल नही हुआ हूं। मेने 10000 हजार ऐसे तरीके खोज लिए है जो काम नही करते है। – एडिसन

थॉमस अल्वा एडिसन की जीवनी Biography Of Thomas Alva Edison In Hindi

थॉमस अल्वा एडिसन को पढ़ना अच्छा लगता था, इसलिये उन्होंने विज्ञान की कई किताबें पढ़ी थी। एडिसन जिज्ञासु परवर्ती के थे और वो हमेशा नई चीजें जानने का प्रयास करते थे। एडिसन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही कि थी और उनके माता पिता ही उनके गुरु थे। एडिसन कभी भी कॉलेज नही गए।

जीनियस में 1 फीसदी प्रेरणा और 99 फीसदी पसीना है। – एडिसन

एडिसन के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नही थी, इसलिए एडिसन माता पिता का घर खर्च में हाथ बटाने के लिए अखबार बांटा करते थे। थॉमस एडिसन ने अपने स्ट्रगल के दिनों में टेलीफोन ऑपरेटर की नौकरी भी की थी। एडिसन बहरेपन का शिकार थे और अंतिम समय तक वो अपनी श्रवण शक्ति खो बेठे थे लेकिन  थॉमस एडिसन को अपने इस बहरेपन का कोई मलाल नही था। एडिसन बहुत ही परिश्रमी थे और अपनी अथक मेहनत से उन्होंने दुनिया के महान आविष्कार किये थे।

थॉमस अल्वा एडिसन के आविष्कार और योगदान

थॉमस अल्वा एडिसन का प्रथम आविष्कार विधुत मतदान गणक था जिसको 1869 में एडिसन ने पेटेंट करवाया था। थॉमस एडिसन ने 1875 के वर्ष में इथरीय बल पर एक लेख लिखा। 1878 में एडिसन ने फोनोग्राफ़ मशीन का आविष्कार किया था। 21 अक्टूबर 1879 में थॉमस एडिसन ने महान आविष्कार विधुत बल्ब की खोज की और 1883 में एडिसन प्रभाव की खोज की थी।

आविष्कार करने के लिए आपको एक अच्छी कल्पना और कूड़े के ढ़ेर की जरूरत होती है। – एडिसन

एडिसन ऐसे वैज्ञानिक थे जिन्होंने यंत्रो का मास प्रोडक्शन किया था और एक प्रयोगशाला बनाई जिसमे उनकी विशेष टीम काम करती थी। थॉमस अल्वा एडिसन के नाम हजारो आविष्कारों के पेटेंट थे जो पूरी दुनिया मे थे और केवल अमेरिका में ही एडिसन के 1093 पेटेंट थे। 18 अक्टूबर, 1931 को थॉमस अल्वा एडिसन ने दुनिया से अलविदा ली थी।

यह भी पढ़े – वैज्ञानिको की जीवनी 

  • निकोला टेस्ला की जीवनी 
  • एलेग्जेंडर ग्राहम बैल की जीवनी 
  • एलेग्जेंडर फ्लेमिंग की जीवनी 
  • न्यूटन का जीवन परिचय 

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  • Thomas Alva Edison in Hindi: एडीसन एक जन्मजात वैज्ञानिक
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A Great Scientist: Thomas Alva Edison in Hindi

Great Scientist Thomas Alva Edison in Hindi

Thomas Edison was A Scientist by Birth एक जन्मजात वैज्ञानिक

World Famous Inventor, Scientist और Businessman, Thomas Alva Edison को कौन नहीं जानता। यूँ तो सभी ने उनके Achievements और Successful Life के बारे में पढ़ा है, पर उनके संघर्षपूर्ण जीवन के बारे में कम ही लोग जानते हैं। एडीसन इस बात का एक ज्वलंत उदाहरण हैं कि कैसे एक व्यक्ति गरीबी से निकलकर, न केवल दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनता है, बल्कि एक सच्चे देशभक्त के रूप में अपनी खोजों से, देश और समाज की अथक सेवा भी करता है।

Gramophone, Tape Recorder, Motion Camera, Electric Bulb और Electricity Distribution System समेत कई छोटे-बड़े 1300 से भी ज्यादा Inventions के Patent का उनका अपना कीर्तिमान है। दुनिया में शायद ही किसी दूसरे Inventor ने इतने आविष्कार किये हों। उनके Inventions से मानवजाति आज कितना लाभ उठा रही है, इसके लिए हमें केवल नज़रें घुमाने भर की जरुरत है।

थॉमस अल्वा एडीसन का जीवन, एक असली विजेता की फर्श से अर्श तक पहुँचने की दिलचस्प और प्रेरणादायी कहानी है; जो बार-बार इसी ज्वलंत तथ्य की ओर इशारा करती है कि मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता स्वयं है। आइये, इस महान वैज्ञानिक के प्रेरणादायी जीवन के बारे में कुछ जाने!

पढिये दुनिया के सबसे कामयाब Businessman की अविश्वसनीय और सच्ची कहानी – A Successful Businessman Story in Hindi

Life of Thomas Alva Edison एडीसन का प्रारंभिक जीवन

इस महान वैज्ञानिक का जन्म, 11 फरवरी सन 1847 के दिन अमेरिका के ओहियो प्रान्त के मिलान नामक स्थान पर हुआ था। वे अपने पिता सैमुएल एडीसन (Samuel Ogden Edison) और माँ नैंसी इलियट (Nancy Matthews Elliot) की सातवीं और अंतिम संतान थे। महान व्यक्तियों का बचपन असाधारण होता है, यह बात Edison पर पूरी तरह से लागू होती है। उनकी खोजी प्रवृत्ति की कहानियाँ हमने बचपन में जरूर पढ़ी होंगी कि कैसे उन्होंने पक्षियों की उड़ान का रहस्य जानने के लिए, अपनी नौकरानी को कीड़ों की चटनी को पीसकर खिला दिया था, जिसके कारण वो बेचारी कई दिन तक बिस्तर पर पड़ी रही थी।

यह जानने के लिए कि अण्डों से चूजे किस प्रकार निकलते हैं, वह एक बार खुद ही उन पर बैठ गए थे, जिस पर उनकी माँ ने उनकी बड़ी पिटाई की थी। अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए बालक Edison कुछ गंभीर मगर विचित्र प्रश्नों को पूछ बैठते थे, जिनका उत्तर देने में उनके अध्यापक भी चकरा जाते थे। उनके शिक्षक उन्हें एक शरारती और मूर्ख बच्चा समझते थे।

जबकि वास्तविकता यह थी कि अज्ञानी अध्यापक एक प्रतिभाशाली बच्चे की प्रतिभा को कभी पहचान ही नहीं पाये थे। इस कारण से एडिसन को बचपन में ही स्कूल से निकाल दिया गया था। लेकिन उनकी माँ जानती थी कि बालक मंदबुद्धि या पागल नहीं है। इसीलिये उनकी माँ ने उनकी स्कूली शिक्षा घर पर रखकर ही पूरी कराई।

उनकी माँ उनके हर विचित्र सवाल का समझदारी से जवाब देती और उनकी जिज्ञासा को शांत करती। Edison ने एक बार अपनी माँ के बारे में कहा था, “मेरी माँ ने ही मेरा निर्माण किया है। वह बहुत सच्ची थी और मुझ पर बहुत विश्वास करती थी। मै हमेशा यह महसूस करता था कि मुझे किसी के लिए जीना है, कोई ऐसा है, जिसे मुझे निराश नहीं करना है।”

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Hard Struggle of Thomas Alva Edison एडिसन का कठोर संघर्ष

परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण, एडिसन को बचपन में ही कठिन परिश्रम करना पड़ा। प्रबल इच्छाशक्ति के धनी एडिसन ने कभी भी छोटे कामों को करने में हेठी अनुभव नहीं की। वे हर काम को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर, उसे हरसंभव तरीके से सही, पूरा और शानदार ढंग से करते थे। रेल के डिब्बों में सब्जी बेचना, अखबार बेचना, तार बाँटना, जैसे अनेकों काम उन्हें अपनी जिंदगी के शुरूआती दिनों में ही करने पड़े; पर इसमें उन्होंने कभी हीनता महसूस नहीं की।

यहाँ तक कि इन कामों में भी उन्हें कई बार चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। कड़ी मेहनत करके बचाए हुए पैसे से वह प्रयोग का सामान और किताबें खरीदते। जब Edison गाड़ी में अखबार बेचते थे, तो वहीँ पर उन्होंने एक छोटी सी Laboratory भी बना ली थी। एक बार Experiment करते समय पास रखे एक ज्वलनशील Chemical ने आग पकड़ ली, जिसकी वजह से डिब्बे में भी आग फैल गयी थी।

अगले स्टेशन पर Edison को ट्रेन और नौकरी दोनों से निकाल दिया गया। लेकिन Edison ने हिम्मत नहीं हारी, बल्कि दूसरा काम शुरू कर दिया। 19 वर्ष की आयु में उन्होंने, एक Telegraph Operator की नौकरी कर ली। जहाँ पर वह Night Shift में काम किया करते थे। इससे उन्हें पढने और प्रयोग करने का समय मिल जाता।

लेकिन Edison यहाँ पर भी अधिक दिनों तक काम न कर सके, क्योंकि उनका दुर्भाग्य यहाँ भी उनका पीछा कर रहा था। एक रात Lead-acid Battery पर काम करते हुए कुछ Acid फर्श पर फैल गया जो उनके Boss की Desk तक पहुँच गया। अगले दिन Edison को बाहर निकाल दिया गया। हर काम को इज्ज़त का मानना और प्रत्येक अवसर के महत्वपूर्ण सदुपयोग का शिक्षण उन्हें अपने माता-पिता से बचपन में ही मिला था।

Edison as A Great Inventor महान आविष्कारक एडिसन

Edison ने Inventor के रूप में अपना Career, अमेरिका के New Jersey प्रान्त में शुरू किया था। जहाँ उन्होंने Automatic Repeater और दूसरी Telegraphic Devices बनायीं। लेकिन जिस आविष्कार ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई, वह Phonograph था। सन 1877 में किये इस आविष्कार ने, उन्हें “मेनलो पार्क के जादूगर” के नाम से मशहूर कर दिया। धीरे-धीरे कुछ पैसा इकट्ठा करके उन्होंने पहली Industrial Research Laboratory बनायीं, जो America के New Jersey राज्य में Middlesex County नामक स्थान पर है।

इस प्रयोगशाला से ही वे आविष्कार निकले, जिन्होंने आगे चलकर समाज का स्वरुप बदल दिया। Edison ने एक बार कहा था कि वे अपनी Laboratory में हर तरह का सामान चाहते हैं। उनकी यह बात कितनी गंभीर थी, इसके बारे में एक Newspaper ने सन 1887 में लिखा है -“उनकी प्रयोगशाला में 8000 प्रकार के Chemicals हैं, हर तरह का Screw है, हर तरह की Needle है, हर तरह का Wire है।”

“इसके अलावा मनुष्यों के, घोड़ों के, सुअरों के, गायों के, खरगोशों के, ऊंट के और बकरी समेत कई जीवों के बाल हैं। हर तरह का सिल्क, ककून, शार्क के दांत, हिरण के सींग, कछुए का खोल, कोर्क, वार्निश, तेल, शुतुरमुर्ग के पंख, मोर की पूंछ और ऐसे ही न जाने कितने विचित्र से सामानों की एक लंबी List है।” सन 1877-78 में उन्होंने Carbon Telephone Transmitter बनाया जो Communication System की बुनियाद था।

निकोल टेस्ला (Nikola Tesla) जैसे चोटी के वैज्ञानिक और हैमर (Hammer) जैसे Engineer ने भी अपने शुरूआती दिनों में Edison के साथ काम किया था, जिनकी कई खोजों ने आगे चलकर वैज्ञानिक क्रांति का सूत्रपात किया। हालाँकि कुछ लोगों का यह भी कहना है कि एडीसन को अपने जीवन में जो सफलता हासिल हुई उसके पीछे निकोल टेस्ला का बहुत बड़ा योगदान था।

Attitude of Edison Towards Failures असफलता के प्रति द्रष्टिकोण

Edison जब Electric Bulb बनाने के लिए Experiment कर रहे थे, तब उस समय उनके लगभग 10000 से भी ज्यादा प्रयोग असफल रहे थे। लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। इस खोज को आखिरी रूप देने में उन्हें 10 साल से भी ज्यादा का समय लग गया था, पर असीम धैर्य और अदम्य साहस Edison के व्यक्तित्व की मुख्य विशेषता थी और इन असफलताओं के बावजूद वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सतत प्रयास करते रहे।

उनके स्थान पर अगर और कोई व्यक्ति होता तो कब का उस काम को छोड़कर जा चुका होता उनकी इस क्षमता का पता तब चला, जब एक बार एक सार्वजनिक समारोह में एक पत्रकार ने उनसे यह सवाल किया कि 2000 प्रयोगों में असफल रहने के कारण आपका इतना समय बेकार चला गया। इसे आप किस तरह से देखते हैं? तो उनका जवाब था – “नहीं, मै असफल नहीं रहा। बल्कि मैंने ऐसे 2000 तरीके ईजाद किये जिनसे Bulb नहीं बन सकता था।”

यह Edison का जीवन के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण ही था, जिसने उन्हें इतना सफल बनाया और सदा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। Edison, Infection की वजह से बचपन में ही बहरे हो गए थे, पर इसका उन्होंने कभी दुःख नहीं माना। अपने माता-पिता की शिक्षाओं से वे Self-dependent बने और हमेशा अपनी इस कुदरती अक्षमता (Natural Disability) को ईश्वर का वरदान मानते रहे।

इस विषय में उनका कहना था कि दूसरे लोग बेकार की गपशप में अपना समय गुजारते हैं, भाग्य से मुझे ऐसी बर्बादी का सामना नहीं करना पड़ा। वह समय मै सोचने और पढने में लगाता हूँ। यदि दूसरों की तरह मेरे भी कान खुले होते, तो इतना न कर पाता जो आज कर पाया हूँ। वाह! शारीरिक अक्षमता के प्रति क्या नजरिया था उनका।

Thomas Alva Edison का मानवता के प्रति योगदान

आज इस 21वीं सदी मे हम जितने भी Scientific Inventions का लाभ उठा रहे हैं, उनमे सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है Electricity यानी बिजली। सोचिये अगर इसका Invention न हुआ होता, इसे पैदा करने की तकनीक न ढूंढी जाती और इसे अन्य जगहों पर भेजने की तरकीब न खोजी जाती, तो क्या आज हमारा जीवन इतना सुखमय हो पाता! Television, Computer, A.C., Refrigerator, Cooler, Mobile, Lighting और ऐसे ही न जाने कितने उपकरण हैं जिनका जीवन Electricity पर निर्भर है।

Thomas Alva Edison ने ही सबसे पहले Commercial Electricity Power Distribution System का निर्माण किया था। मानवजाति के कल्याण की दिशा में किये गए उनके प्रयासों के लिए उन्हें अनेकों Awards से नवाजा गया। उनके सम्मान में अनेकों Schools, Colleges, Roads, Buildings का नाम उनके नाम पर रखा गया। America की कई Museums और Memorials उनका यशोगान करती हैं।

उनके नाम पर दर्ज हजारों पेटेंट उनकी प्रतिभा का प्रमाण प्रस्तुत करते हैं। अपने इसी विकसित व आशावादी द्रष्टिकोण, बड़ी सोच, कठोर परिश्रम और धैर्य के आधार पर ही उन्होंने इतनी बड़ी सफलता हासिल की थी। Thomas Alva Edison के असाधारण योगदान को देखते हुए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ने भी सारे देश की ओर से उनका सार्वजानिक सम्मान किया था।

18 अक्टूबर सन 1931 के दिन इस महान Inventor ने, इस नश्वर संसार से विदा ले ली, लेकिन आने वाली पीढ़ियों और वैज्ञानिकों के लिए यह आशा भरी मिसाल बनकर कि – “यदि अपनी क्षमताओं पर विश्वास हो, तो संसार का कोई भी कार्य असंभव नहीं है, कोई भी उपलब्धि दूर नहीं है। जो प्रगति का रास्ता सच्चे मन से ढूंढेगा, उसे उपयुक्त अवसर मिलकर ही रहेगा।”

Lessons from Life of Thomas Alva Edison एडिसन के जीवन के सबक

George Santayana की यह उक्ति, Thomas Alva Edison पर अक्षरशः लागू होती है – “किसी भी व्यक्ति के लिए हर समय कुछ न कुछ सीखना बाकी होता है। बुद्धिमान व्यक्ति इसी ओर प्रयत्नशील होते हैं।” Edison का पूरा जीवन प्रयोग करने और उनसे सीख लेकर परिणाम उत्पन्न करने में बीता, जिनमे बचपन की गलतियों से सबक लेना भी शामिल था। अगर उन्हें एक जन्मजात वैज्ञानिक कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति न होगी।

गलतियों की जीवन में क्या महत्ता है, इस पर एडिसन ने एक बार कहा था – “मुझे ऐसा आदमी दिखा दीजिये जिसने कभी कोई गलती नहीं की है, और मै आपको एक ऐसा आदमी दिखा दूंगा जो कभी भी सफल नहीं हो सकता।” इस महान व्यक्ति के जीवन से हम यही सीख पाते हैं कि एक निष्क्रिय जीवन से ज्यादा बेहतर यही है कि सारा जीवन गलती करके सीखने में बिताया जाये।

परिणाम अगर अनुकूल न रहे, तो भी कभी इस बात का दुःख तो न रहेगा कि जो हमें पाना था, उसके लिए हमने प्रयास नहीं किया। कम से कम व्यक्ति उस एक काम को तो कर ही सकता है, जो उसके हाथ में है। किसी विद्वान् ने सच ही कहा है कि महान व्यक्ति जन्म से महान नहीं होते, बल्कि संकटों की पाठशाला में तपकर ही वे महापुरुष बन पाते हैं और उनमे से एक नाम थॉमस अल्वा एडीसन का भी है जो सदा याद रखा जायेगा।

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Thomas Alva Edison Biography in Hindi | थॉमस अल्वा एडिसन का जीवन परिचय

Thomas Alva Edison Biography in Hindi | थॉमस एडिसन अमेरिका के महान अविष्कारक और व्यवसायी थे। उनका पूरा नाम थॉमस ऐल्वा एडिसन था। थॉमस एडिसन ने विधुत बल्ब, फोनोग्राफ जैसे अनेको चीजो की खोज की है।

Thomas Alva Edison Biography in Hindi | थॉमस अल्वा एडिसन का जीवन परिचय

  • पूरा नाम थॉमस अल्वा एडिसन
  • जन्म 11 फ़रवरी 1847
  • जन्मस्थान मिलन, ऑहियो, संयुक्त राज्य अमेरिका
  • पिता सेमुअल ओग्डेन एडिसन
  • माता नैंसी मैथ्यु इलियट
  • पत्नी मैरी स्टिलवेल, मीना मिलर
  • पुत्र चार्लीस एडिसन, थॉमस अलवा एडिसन, थियोडोर मिलर एडिसन
  • व्यवसाय अमेरिकी आविष्कारक
  • पुरस्कार तकनीकी ग्रैमी पुरस्कार
  • राष्ट्रीयता अमेरिकन

वैज्ञानिक थॉमस एडिसन (Thomas Alva Edison Biography in Hindi)

Thomas Alva Edison Biography in Hindi | थॉमस एडिसन अमेरिका के महान अविष्कारक और व्यवसायी थे। उनका पूरा नाम थॉमस ऐल्वा एडिसन था। थॉमस एडिसन ने विधुत बल्ब, फोनोग्राफ जैसे अनेको चीजो की खोज की है। एडिसन को विश्व का पहला प्रयोगशाला स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है। थॉमस एडिसन दुनिया के सबसे महान आविष्कारको में गिने जाते है क्योकि अमेरिका में इन्होने अकेले ही 1093 पेटेंट अपने करने वाले एकलौते इंसान है। Thomas Alva Edison Biography in Hindi

प्रारंभिक जीवन (Thomas Alva Edison Early Life)

थॉमस एल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी, साल 1847 को अमेरिका के ओहियो राज्य के मिलन शहर में हुआ था। उनकी माता का नाम नैंसी मैथ्यु और उनके पिता का नाम सैमुएल ऑग्डेन एडिसन था। सात भाई-बहनों में थॉमस एडिसन सबसे छोटे थे। सुनाई कम देने के कारण 4 वर्ष की उम्र तक उन्होंने बोलना शुरू नहीं किया था। 4 वर्ष की उम्र के बाद उन्होंने धीरे-धीरे बोलना शुरू किया।

शिक्षा (Education)

उनकी स्कूली शिक्षा मात्र 12 सप्ताह चली। बचपन की बीमारी के बाद से एडिसन की श्रवण क्षमता क्षीण हो चुकी थी। स्पष्ट सुनाई न देने के कारण उन्हें एक बार में कोई भी पाठ समझ नहीं आ पाता था। साथ ही जिज्ञासु प्रवृत्ति होने के कारण वे शिक्षकों से कई प्रश्न किया करते थे।

उनके प्रश्नों से तंग आकर उनके एक शिक्षक ने उन्हें 'मंदबुद्धि' करार दे दिया था। जब यह बात एडिसन की माँ तक पहुँची, तो उन्हें इतनी बुरी लगी कि उन्होंने एडिसन को स्कूल से ही निकाल लिया। वे एक शिक्षिका थी, अतः वे उन्हें घर पर ही पढ़ाने लगी।

व्यक्तिगत जीवन (Personal Life of Thomas Alva Edison)

1871 में क्रिसमस के मौके पर 24 साल के एडिसन ने 16 वर्षीय मैरी स्टिलवेल से शादी कर ली। मैरी से मुलाकात के सिर्फ दो महीने के अंदर ही एडिसन ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया था। मैरी से उन्हें तीन बच्चे हुए।

1884 में लंबी बीमारी के बाद एडिसन की पत्नि मेरी की मृत्यु हो गई। अपनी पत्नि की मृत्यु उपरांत एडिसन ने मेलेनो पार्क छोड़ दिया और 1886 में मीना मिलर से दूसरा विवाह कर वेस्ट ऑरेंज के लेवेलिन पार्क स्थित घर में निवास करने लगे।

प्रोफेशनल करियर (Thomas Alva Edison Professional Career)

थॉमस एडिसन ने लगभग 12 वर्ष की उम्र में एक रेलवे स्टेशन के पास समाचार पत्रों को बेचने का काम प्रारंभ कर दिया था। इस काम को करने के बाद बचे हुए पैसों से थॉमस एडिशन ने एक छोटी सी प्रयोगशाला बना ली थी।

जिसमें थॉमस एडिसन प्रयोग करा करते थे। इसके बाद थॉमस एडिसन ने और काम किया एवं बचे हुए पैसों से प्रयोगशाला में लगने वाली रासायनिक सामग्री खरीद ली। समाचार पत्रों का काम पूरा करके बचे हुए समय में थॉमस अल्वा एडिसन प्रयोगशाला में प्रयोग करते थे।

थॉमस अल्वा एडिसन का मानना था। कि कोई व्यक्ति अगर सुधार के रास्ते पर निरंतर प्रयास करें। तो वह अपने आने वाले समय में कुछ बड़ा कर सकता है। इसके बाद थॉमस एडिसन ने 15 वर्ष की उम्र तक रेलवे स्टेशन पर समाचार पत्र बेचे।

इसके उपरांत खुद की एक समाचार पत्र छापने वाली कम का काम शुरू कर दिया। रोज की तरह वह समाचार पत्र बेच रहे थे। तब रेलवे स्टेशन के मास्टर ने उन्हें टेलीग्राम के बारे में बताया और इसके बाद थॉमस एडिसन ने 20 वर्ष की उम्र तक एक टेलिफोन ऑपरेटर के रूप में काम किया।

थॉमस का आविष्कार (Thomas Alva Edison Invention)

थॉमस अल्वा एडिसन अमेरिका के ही नहीं अपितु विश्व के महान वैज्ञानिकों में से एक थे। थॉमस अल्वा एडिसन ने अपने पूरे जीवन काल को नई नई खोजों और आविष्कारों को करने में बिता दिया। थॉमस एडिसन के द्वारा सर्वप्रथम इलेक्ट्रिकल मशीन को पेटेंट कराया गया।

इसके बाद भी थॉमस अल्वा एडिसन ने यूनिवर्सल स्टॉक प्रिंटर की खोज की। इन सब खोजों के बाद थॉमस एडिसन शांत नहीं बैठे। उन्होंने 1870 से 1876 के बीच अनेको वस्तुओं का आविष्कार किया और अपने काम में सफलता पाते गए।

थॉमस एडिसन में लगभग 2 वर्षों तक इस काम को निरंतर किया इसके पश्चात थॉमस एडिसन ने विद्युत बल्ब की खोज आरंभ कर दी थी। थॉमस एडिसन ने लगभग 1000 तरह के विद्युत बनाएं। पर बहन विफल रहे।

लेकिन थॉमस एडिसन का आश्चर्यजनक धैर्य शक्ति और साहस इतना मजबूत था। कि इतनी बार विफल होने के बाद भी थॉमस एडिसन ने हार नहीं मानी। और अपने कार्य को सफलता की ओर पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया।

आखिरकार थॉमस एडिसन के द्वारा विद्युत बल्ब का आविष्कार 21 अक्टूबर 1879 को पूरा किया गया। विद्युत बल्ब को उन्होंने 40 घंटे से अधिक समय तक जलाया। यह आविष्कार थॉमस एडिशन के द्वारा विश्व को सबसे बड़ा तोहफा है।

थॉमस के द्वारा की गई खोजें (Invention List by Thomas Alva Edison)

  • बैटरी (Battery)
  • इलेक्ट्रिक ट्रेन (Electric Train)
  • इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर (Electric Vote Recorder)
  • ग्रामोफोन (Gramophone)
  • लाइट बल्ब (Light Bulb)
  • फोनोग्राम (Phonogram)
  • कीनेटोस्कोप (Kinetoscope)

मृत्यु (Thomas Alva Edison Death)

थॉमस एडिसन ने मेनलोपार्क और आरेंज कारखाने ने अपनी जिन्दगी के 50 सालो तक काम किया और अपने 1093 आविष्कारो के पेटेंट अपने नाम कर लिया। 18 अक्टूबर 1931 को विश्व के महान आविष्कारक थामस एल्वा एडिसन दुनिया से विदा ले कर चले गये। आज भी विश्वदेश भर में उनके आविष्कारो की प्रसंशाप्रशंसा होती है।

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  • Nov 26, 2019

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थॉमस अल्वा एडिसन की कहानी, Thomas Alva Edison Story in Hindi महान वैज्ञानिक थॉमस एडिसन (Thomas Alva Edison) बहुत ही मेहनती एंव जुझारू प्रवृति के व्यक्ति थे| बचपन में उन्हें यह कहकर स्कूल से निकाल दिया गया कि वह मंद बुद्धि बालक है| उसी थॉमस एडिसन ने कई महत्वपूर्ण आविष्कार किये जिसमें से “बिजली का बल्ब” प्रमुख है| उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने के लिए हजारों बार प्रयोग किये थे तब जाकर उन्हें सफलता मिली थी|

एक बार जब वह बल्ब बनाने के लिए प्रयोग कर रहे थे तभी एक व्यक्ति ने उनसे पूछा – आपने करीब एक हजार प्रयोग किये लेकिन आपके सारे प्रयोग असफल रहे और आपकी मेहनत बेकार हो गई| क्या आपको दुःख नहीं होता? एडिसन ने कहा – मै नहीं समझता कि मेरे एक हजार प्रयोग असफल हुए है| मेरी मेहनत बेकार नहीं गयी क्योंकि मैंने एक हजार प्रयोग करके यह पता लगाया है कि इन एक हजार तरीकों से बल्ब नहीं बनाया जा सकता| मेरा हर प्रयोग, बल्ब बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है और मैं अपने प्रत्येक प्रयास के साथ एक कदम आगे बढ़ता हूँ|

कोई भी सामान्य व्यक्ति होता तो वह जल्द ही हार मान लेता लेकिन थॉमस एडिसन ने अपने प्रयास जारी रखे और हार नहीं मानी| आखिरकार एडिसन की मेहनत रंग लायी और उन्होंने बल्ब का आविष्कार करके पूरी दुनिया को रोशन कर दिया| यह थॉमस एडिसन का विश्वास ही था जिसने आशा की किरण को बुझने नहीं दिया नहीं और पूरी दुनिया को बल्ब के द्वारा रोशन कर दिया| सफलता के रास्ते तभी खुलते है जब हम उसके करीब पहुँच जाते है

मेहनत कभी बेकार नहीं जाती| यह विश्वास ही हमें आगे बढ़ने एंव निरंतर प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है| हमारा हर प्रयास हमें एक कदम आगे बढ़ाता है और हम जैसे जैसे आगे बढ़ते है वैसे वैसे हमारे लिए सफलता के रास्ते खुलते जाते है| जो व्यक्ति विश्वास नहीं करता वो ज्यादा देर तक प्रयास नहीं कर पाता और जब वह प्रयास नहीं करता तो दूर से उसे आगे के सभी रास्ते बंद नजर आते हैं क्योंकि सफलता के रास्ते हमारे लिए तभी खुलते जब हम उसके बिल्कुल करीब पहुँच जाते है|

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थॉमस ऐल्वा एडीसन का जीवन परिचय Thomas Alva Edison Biography In Hindi

Thomas Alva Edison Biography In Hindi – Thomas Alva Edison Story In Hindi दोस्तो आज के इस ब्लॉग में हम आप को थॉमस अल्वा एडीसन के बारे में जानकारी देंगे। इन महान हस्ती का नाम तो हम सभी ने सुना तो अवश्य होगा लेकिन उनके जीवन के बारे में किसी को भी पूरी जानकारी नही है इसलिए आज मैं इस ब्लॉग में पूरी जानकारी देने की कोशिश करूंगा तो इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़ें।

चालिए शुरू करते हैं।

Thomas Alva Edison Biography In Hindi

थॉमस ऐल्वा एडीसन का जीवन परिचय – Thomas Alva Edison Biography In Hindi

नामथॉमस अल्वा एडिशन
जन्म तारीख11 फरवरी 1847
जन्म स्थानसंयुक्त राष्ट्र अमेरिका
माता का नामनैंसी एडिसन
पिता का नामसैमुअल एडिसन
पत्नी का नाममैरी स्टीलवेल, मीना मिलर

हम सभी अपने बचपन की विज्ञान की विषय में इनका नाम जरूर पढ़ा होगा क्युकी इनकी वजह से ही वर्तमान समय में हम सभी को रात के अंधेरे में जलाने के लिए बल्ब मिल सका है। जी हां यह वही है इन्होंने बल्ब का अविष्कार किया।

हम आप को बता दे की थॉमस अल्वा एडीसन जब 10 वर्ष के थे तभी से उन्होंने अपना प्रयोगशाला बनाया था और वहा पर प्रतिदिन प्रयोग किया करते थे। और इसकी सबसे बड़ी वजह उनकी मां थी क्युकी उनकी मां ने उनको एक ऐसा बुक दिया था जिसमे कई सारे रासायनिक प्रयोग थे और वह पुस्तक जब थॉमस अल्वा एडीसन ने पढ़ा था तब वह पुस्तक उनको बेहद पसंद आ गई थी जिस वजह से वह उन प्रयोगों पर अपना पैसा खर्च करने लगे।

और उन प्रयोगों में इतना खो जाते थे की उसे पूरा करने के लिए चाहे जितना भी समय लग जाए वो उसमे लगे रहते थे कई बार तो वो बिना कुछ खाए पिए भी अपने प्रयोग में लगे रहते थे। जब थॉमस अल्वा एडीसन ने बल्ब की खोज की थी तब उसके पहले वो 10 हजार बार उस कार्य में असफल हुए थे लेकिन उन्होंने हार नही मानी और उस बात पर उन्होंने ने कहा था की मैं 10 हजार बार असफल नही हुआ था मैं बस ऐसे 10 हजार रास्तों को चुना जो मेरे काम ना आ सके।

बचपन में थॉमस अल्वा एडीसन को विद्यालय से निकाल दिया गया था लेकिन उनकी मां ने इस बात का एहसाह थॉमस को नही होने दिया और उन्होने थॉमस को घर पर ही पढ़ना शुरू किया।

थॉमस अल्वा एडीसन का आरंभिक जीवन – Thomas Alva Edison Story In Hindi

थॉमस अल्वा एडिसन का जन्म 11 फरवरी 1847 में संयुक्त राज्य अमेरिका में हुआ था इनके पिता का नाम सैमुअल एडिसन था तथा इनकी माता का नाम नैंसी एडिसन था। थॉमस अल्वा एडिसन इन की सबसे छोटी संतान और जीवित संतान थी क्योंकि इसके पहले जितने भी संतान इनको हुए वह सभी किसी कारणवश मर जाते थे।

थॉमस अल्वा एडिसन के पिता पहले कनाडा में रहा करते थे लेकिन वहां पर चल रहे विद्रोह की वजह से इनको कनाडा छोड़कर संयुक्त राज्य अमेरिका में आना पड़ा और यहां पर आने के पश्चात वह यहां के पूर्ण निवासी बन गए। थॉमस बचपन से ही अकेला रहना पसंद करते थे लेकिन इस बात को देखकर उनके माता-पिता बहुत चिंता किया करते थे क्योंकि कोई भी बच्चा इतना अकेला नहीं रहता था।

थॉमस अल्वा एडिसन को लोग बचपन से ही पागल कह कर पुकारा करते थे क्योंकि यह बच्चा कई सारे सवाल पूछा करता था जिसके जवाब सभी लोगों के पास नहीं रहते थे लेकिन उनकी मां अपने बच्चे को कभी भी निराश नहीं होने दी और उन्होंने थॉमस द्वारा पूछे गए सभी सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करती थी।

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Thomas Alva Edison की शिक्षा – Thomas Edison Information In Hindi

हम आपको बता दें कि थॉमस अल्वा एडिसन एक ऐसे वैज्ञानिक है जिन्होंने कभी भी किसी भी यूनिवर्सिटी और कॉलेज को देखा भी नहीं है क्योंकि बचपन के समय में जब यह विद्यालय में जाया करते थे तब इनकी सवाल पूछने और मंदबुद्धि की वजह से इनको विद्यालय से निकाल दिया गया और उसके पश्चात इनकी आरंभिक शिक्षा इनकी माता द्वारा ही पूरी कराई गई।

थॉमस अल्वा एडिसन द्वारा जितने भी आविष्कार किए गए हैं वह सभी इन्होंने अपने मेहनत और जानने की जिज्ञासा के चलते किया है थॉमस अल्वा एडिसन भले ही स्वयं मोटी मोटी बुके ना पढ़ी हो लेकिन वर्तमान समय में हर एक बच्चे को उनके विषय पर लिखी बुकों को पढ़ना पड़ता है।

थॉमस अल्वा एडिसन का निजी जीवन

थॉमस अल्वा एडिसन का विवाह 24 वर्ष की आयु में हुआ था और उन्होंने जिस लड़की से विवाह किया था उसकी आयु मात्र 16 वर्ष की थी उस लड़की का नाम मैरी स्टीलवेल था जिससे उन्होंने 25 दिसंबर 1871 मैं विवाह कर लिया। थॉमस अल्वा एडिसन अपनी पत्नी से बहुत अधिक प्रेम करते थे और इस विवाद के बाद इनको तीन संतानों की प्राप्ति हुई लेकिन दुर्भाग्यवश उसे समय चल रहे टीवी की महामारी ने इनकी पत्नी की जान ले ली क्योंकि उस समय यह महामारी बहुत ही तेजी से फैल रही थी।

इनकी पत्नी की मृत्यु के कुछ साल पश्चयात इन्होंने पुनर्विवाह किया और उस लड़की का नाम मीना मिलर था इस लड़की कि आई थॉमस अल्वा एडिसन की आयु से लगभग 20 वर्ष कम थी और इस लड़की के पिता बिजनेसमैन होने की वजह से इनको बहुत अधिक सहायता मिल जाती थी अपने एक्सपेरिमेंट को पूरा करने के लिए

थॉमस अल्वा एडिसन का करियर

थॉमस अल्वा एडिसन बचपन से ही बहुत जिज्ञासु बच्चे थे जिस वजह से वह लोगों से तरह-तरह के सवाल पूछा करते थे और इसी वजह से बहुत कम आयु में ही उन्होंने एक्सपेरिमेंट करना शुरू कर दिया था जिस वजह से घर में कई सारे सामान तोड़ जाते थे और इनके इसी कार्य की वजह से इनके माता-पिता बहुत परेशान हो जाते थे इसके बाद थॉमस ने विचार किया कि उनको कुछ कार्य करना चाहिए जिस वजह से उन्होंने न्यूज़पेपर बेचने का निर्णय लिया और 14 वर्ष की आयु में उन्होंने खुद का प्रिंटिंग प्रेस चालू किया और उसे सफल बनाने के लिए उसकी मेहनत में जुट गए इसके बाद वह ट्रेन की डिब्बों में जा जाकर न्यूज़पेपर बेचा करते थे

थॉमस जब 16 वर्ष की थी तब उनको एक पहचान की मदद से नौकरी प्राप्त हुई और वहीं पर उन्होंने कई सारी नई बातें भी सीखें और उन्होंने अपना पहला आविष्कार 18 सो 69 में किया था लेकिन वह सफल ना हो सका लेकिन इसके बाद इन्होंने और भी कई सारे आविष्कार किए जिनमें से एक बल्ब भी है

अगर हमारे द्वारा Thomas Alva Edison Biography In Hindi में दी गई जानकारी में कुछ भी गलत है तो आप हमें तुरंत Comment बॉक्स और Email में लिखकर सूचित करें। यदि आपके द्वारा दी गई जानकारी सही है, तो हम इसे निश्चित रूप से बदल देंगे। दोस्तों अगर आपके पास Thomas Edison Story In Hindi के बारे में हिंदी में और जानकारी है तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। हम Thomas Alva Edison In Hindi इसमे जरूर बदलाव करेंगे। और ऐसेही रोमांचक जानकारी को पाने के लीएं HINDI.WIKILIV.COM पे आते रहिएं धन्यवाद

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10 Lines about Thomas Alva Edison in Hindi

In this article we are providing A few or 10 Lines on Thomas Alva Edison in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5. इस लेख में पढ़ें हिंदी में थॉमस अल्वा एडिसन पर दस वाक्य। थॉमस अल्‍वा एडिसन को विश्‍व का महान आविष्‍कारक माना जाता है। उनके आविष्कारों ने लोगों का जीवन सुगम बना दिया था। एडिसन का जन्म अमेरिका के ओहायो राज्य में 11 फ़रवरी 1847 को हुआ। उनके माता-पिता का नाम क्रमशः समुअल एडिसन तथा नैन्सी एडिसन था। वे अपने माता-पिता की सातवीं और आखिरी संतान थे। एडिसन ने दो बार शादी की और छह बच्चों के पिता बने।

10 Lines about Thomas Alva Edison in Hindi

  • थॉमस अल्‍वा एडिसन को विश्‍व का महान आविष्‍कारक माना जाता है।
  • उनके आविष्कारों ने लोगों का जीवन सुगम बना दिया था।
  • एडिसन का जन्म अमेरिका के  ओहायो राज्य में 11 फ़रवरी 1847 को हुआ।
  • उनके माता-पिता का नाम क्रमशः समुअल एडिसन तथा नैन्सी एडिसन था। 
  • वे अपने माता-पिता की सातवीं और आखिरी संतान थे।
  • एडिसन ने दो बार शादी की और छह बच्चों के पिता बने । 
  • उनकी दोनों पत्नियों के नाम क्रमशः  मैरी स्टिलवेल और मीना मिलर था। 
  • एडिसन ने  अपने करियर की शुरुआत एक टेलीग्राफ ऑपरेटर के रूप की।
  • उनका पहला आविष्कार इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर मशीन थी।
  • एडिसन के सर्वाधिक प्रसिद्ध आविष्‍कारों में से एक ग्रामोफोन था
  • इलेक्ट्रिक बल्ब की वजह से इन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली।
  • एक हजार से ज्यादा आविष्कार तो उनके नाम से पेटेंट है।
  • अपने जीवन काल में उन्होंने करीब 14 कंपनियां स्थापित की थीं।
  • 1927 ई. में एडिसन नैशनल ऐकैडमी ऑव साइंसेज़ के सदस्य निर्वाचित हुए।
  • 1931 में अपनी मृत्‍यु तक वह सक्रिय रूप में संलग्‍न रहे।
  • 18 अक्टूबर, 1931 को वेस्ट ऑरेंज, न्यू जर्सी में उनका निधन हुआ। 

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Collection Inventing Entertainment: The Early Motion Pictures and Sound Recordings of the Edison Companies

Life of thomas alva edison.

One of the most famous and prolific inventors of all time, Thomas Alva Edison exerted a tremendous influence on modern life, contributing inventions such as the incandescent light bulb, the phonograph, and the motion picture camera, as well as improving the telegraph and telephone. In his 84 years, he acquired an astounding 1,093 patents. Aside from being an inventor, Edison also managed to become a successful manufacturer and businessman, marketing his inventions to the public. A myriad of business liaisons, partnerships, and corporations filled Edison's life, and legal battles over various patents and corporations were continuous. The following is only a brief sketch of an enormously active and complex life full of projects often occurring simultaneously. Several excellent biographies are readily available in local libraries to those who wish to learn more about the particulars of his life and many business ventures.

essay on thomas alva edison in hindi

Edison's Early Years

Thomas A. Edison's forebears lived in New Jersey until their loyalty to the British crown during the American Revolution drove them to Nova Scotia, Canada. From there, later generations relocated to Ontario and fought the Americans in the War of 1812. Edison's mother, Nancy Elliott, was originally from New York until her family moved to Vienna, Canada, where she met Sam Edison, Jr., whom she later married. When Sam became involved in an unsuccessful insurrection in Ontario in the 1830s, he was forced to flee to the United States and in 1839 they made their home in Milan, Ohio.

Thomas Alva Edison was born to Sam and Nancy on February 11, 1847, in Milan, Ohio. Known as "Al" in his youth, Edison was the youngest of seven children, four of whom survived to adulthood. Edison tended to be in poor health when young.

To seek a better fortune, Sam Edison moved the family to Port Huron, Michigan, in 1854, where he worked in the lumber business.

Edison was a poor student. When a schoolmaster called Edison "addled," his furious mother took him out of the school and proceeded to teach him at home. Edison said many years later, "My mother was the making of me. She was so true, so sure of me, and I felt I had some one to live for, some one I must not disappoint." 1 At an early age, he showed a fascination for mechanical things and for chemical experiments.

In 1859, Edison took a job selling newspapers and candy on the Grand Trunk Railroad to Detroit. In the baggage car, he set up a laboratory for his chemistry experiments and a printing press, where he started the Grand Trunk Herald , the first newspaper published on a train. An accidental fire forced him to stop his experiments on board.

Around the age of twelve, Edison lost almost all his hearing. There are several theories as to what caused his hearing loss. Some attribute it to the aftereffects of scarlet fever which he had as a child. Others blame it on a conductor boxing his ears after Edison caused a fire in the baggage car, an incident which Edison claimed never happened. Edison himself blamed it on an incident in which he was grabbed by his ears and lifted to a train. He did not let his disability discourage him, however, and often treated it as an asset, since it made it easier for him to concentrate on his experiments and research. Undoubtedly, though, his deafness made him more solitary and shy in dealings with others.

Telegraph Work

In 1862, Edison rescued a three-year-old from a track where a boxcar was about to roll into him. The grateful father, J.U. MacKenzie, taught Edison railroad telegraphy as a reward. That winter, he took a job as a telegraph operator in Port Huron. In the meantime, he continued his scientific experiments on the side. Between 1863 and 1867, Edison migrated from city to city in the United States taking available telegraph jobs.

In 1868 Edison moved to Boston where he worked in the Western Union office and worked even more on his inventions. In January 1869 Edison resigned his job, intending to devote himself fulltime to inventing things. His first invention to receive a patent was the electric vote recorder, in June 1869. Daunted by politicians' reluctance to use the machine, he decided that in the future he would not waste time inventing things that no one wanted.

Edison moved to New York City in the middle of 1869. A friend, Franklin L. Pope, allowed Edison to sleep in a room at Samuel Laws' Gold Indicator Company where he was employed. When Edison managed to fix a broken machine there, he was hired to manage and improve the printer machines.

During the next period of his life, Edison became involved in multiple projects and partnerships dealing with the telegraph. In October 1869, Edison formed with Franklin L. Pope and James Ashley the organization Pope, Edison and Co. They advertised themselves as electrical engineers and constructors of electrical devices. Edison received several patents for improvements to the telegraph. The partnership merged with the Gold and Stock Telegraph Co. in 1870. Edison also established the Newark Telegraph Works in Newark, NJ, with William Unger to manufacture stock printers. He formed the American Telegraph Works to work on developing an automatic telegraph later in the year. In 1874 he began to work on a multiplex telegraphic system for Western Union, ultimately developing a quadruplex telegraph, which could send two messages simultaneously in both directions. When Edison sold his patent rights to the quadruplex to the rival Atlantic & Pacific Telegraph Co., a series of court battles followed in which Western Union won. Besides other telegraph inventions, he also developed an electric pen in 1875.

His personal life during this period also brought much change. Edison's mother died in 1871, and later that year, he married a former employee, Mary Stilwell, on Christmas Day. While Edison clearly loved his wife, their relationship was fraught with difficulties, primarily his preoccupation with work and her constant illnesses. Edison would often sleep in the lab and spent much of his time with his male colleagues. Nevertheless, their first child, Marion, was born in February 1873, followed by a son, Thomas, Jr., born on January 1876. Edison nicknamed the two "Dot" and "Dash," referring to telegraphic terms. A third child, William Leslie was born in October 1878.

Edison opened a new laboratory in Menlo Park, NJ, in 1876. This site later become known as an "invention factory," since they worked on several different inventions at any given time there. Edison would conduct numerous experiments to find answers to problems. He said, "I never quit until I get what I'm after. Negative results are just what I'm after. They are just as valuable to me as positive results." 2 Edison liked to work long hours and expected much from his employees.

essay on thomas alva edison in hindi

In 1877, Edison worked on a telephone transmitter that greatly improved on Alexander Graham Bell's work with the telephone. His transmitter made it possible for voices to be transmitted at higer volume and with greater clarity over standard telephone lines.

Edison's experiments with the telephone and the telegraph led to his invention of the phonograph in 1877. It occurred to him that sound could be recorded as indentations on a rapidly-moving piece of paper. He eventually formulated a machine with a tinfoil-coated cylinder and a diaphragm and needle. When Edison spoke the words "Mary had a little lamb" into the mouthpiece, to his amazement the machine played the phrase back to him. The Edison Speaking Phonograph Company was established early in 1878 to market the machine, but the initial novelty value of the phonograph wore off, and Edison turned his attention elsewhere.

Edison focused on the electric light system in 1878, setting aside the phonograph for almost a decade. With the backing of financiers, The Edison Electric Light Co. was formed on November 15 to carry out experiments with electric lights and to control any patents resulting from them. In return for handing over his patents to the company, Edison received a large share of stock. Work continued into 1879, as the lab attempted not only to devise an incandescent bulb, but an entire electrical lighting system that could be supported in a city. A filament of carbonized thread proved to be the key to a long-lasting light bulb. Lamps were put in the laboratory, and many journeyed out to Menlo Park to see the new discovery. A special public exhibition at the lab was given for a multitude of amazed visitors on New Year's Eve.

Edison set up an electric light factory in East Newark in 1881, and then the following year moved his family and himself to New York and set up a laboratory there.

In order to prove its viability, the first commercial electric light system was installed on Pearl Street in the financial district of Lower Manhattan in 1882, bordering City Hall and two newspapers. Initially, only four hundred lamps were lit; a year later, there were 513 customers using 10,300 lamps. 3 Edison formed several companies to manufacture and operate the apparatus needed for the electrical lighting system: the Edison Electric Illuminating Company of New York, the Edison Machine Works, the Edison Electric Tube Company, and the Edison Lamp Works. This lighting system was also taken abroad to the Paris Lighting Exposition in 1881, the Crystal Palace in London in 1882, the coronation of the czar in Moscow, and led to the establishment of companies in several European countries.

The success of Edison's lighting system could not deter his competitors from developing their own, different methods. One result was a battle between the proponents of DC current, led by Edison, and AC current, led by George Westinghouse . Both sides attacked the limitations of each system. Edison, in particular, pointed to the use of AC current for electrocution as proof of its danger. DC current could not travel over as long a system as AC, but the AC generators were not as efficient as the ones for DC. By 1889, the invention of a device that combined an AC induction motor with a DC dynamo offered the best performance of all, and AC current became dominant. The Edison General Electric Co. merged with Thomson-Houston in 1892 to become General Electric Co., effectively removing Edison further from the electrical field of business.

An Improved Phonograph

Edison's wife, Mary, died on August 9, 1884, possibly from a brain tumor. Edison remarried to Mina Miller on February 24, 1886, and, with his wife, moved into a large mansion named Glenmont in West Orange, New Jersey. Edison's children from his first marriage were distanced from their father's new life, as Edison and Mina had their own family: Madeleine, born on 1888; Charles on 1890; and Theodore on 1898. Unlike Mary, who was sickly and often remained at home, and was also deferential to her husband's wishes, Mina was an active woman, devoting much time to community groups, social functions, and charities, as well as trying to improve her husband's often careless personal habits.

In 1887, Edison had built a new, larger laboratory in West Orange, New Jersey. The facility included a machine shop, phonograph and photograph departments, a library, and ancillary buildings for metallurgy, chemistry, woodworking, and galvanometer testings.

While Edison had neglected further work on the phonograph , others had moved forward to improve it. In particular, Chichester Bell and Charles Sumner Tainter developed an improved machine that used a wax cylinder and a floating stylus, which they called a graphophone. They sent representatives to Edison to discuss a possible partnership on the machine, but Edison refused to collaborate with them, feeling that the phonograph was his invention alone. With this competition, Edison was stirred into action and resumed his work on the phonograph in 1887. Edison eventually adopted methods similar to Bell and Tainter's in his own phonograph.

The phonograph was initially marketed as a business dictation machine. Entrepreneur Jesse H. Lippincott acquired control of most of the phonograph companies, including Edison's, and set up the North American Phonograph Co. in 1888. The business did not prove profitable, and when Lippincott fell ill, Edison took over the management. In 1894, the North American Phonograph Co. went into bankruptcy, a move which allowed Edison to buy back the rights to his invention. In 1896, Edison started the National Phonograph Co. with the intent of making phonographs for home amusement. Over the years, Edison made improvements to the phonograph and to the cylinders which were played on them, the early ones being made of wax. Edison introduced an unbreakable cylinder record, named the Blue Amberol, at roughly the same time he entered the disc phonograph market in 1912. The introduction of an Edison disc was in reaction to the overwhelming popularity of discs on the market in contrast to cylinders. Touted as being superior to the competition's records, the Edison discs were designed to be played only on Edison phonographs, and were cut laterally as opposed to vertically. The success of the Edison phonograph business, though, was always hampered by the company's reputation of choosing lower-quality recording acts. In the 1920s, competition from radio caused business to sour, and the Edison disc business ceased production in 1929.

Other Ventures: Ore-milling and Cement

Another Edison interest was an ore-milling process that would extract various metals from ore. In 1881, he formed the Edison Ore-Milling Co., but the venture proved fruitless as there was no market for it. In 1887, he returned to the project, thinking that his process could help the mostly depleted Eastern mines compete with the Western ones. In 1889, the New Jersey and Pennsylvania Concentrating Works was formed, and Edison became absorbed by its operations and began to spend much time away from home at the mines in Ogdensburg, New Jersey. Although he invested much money and time into this project, it proved unsuccessful when the market went down and additional sources of ore in the Midwest were found.

Edison also became involved in promoting the use of cement and formed the Edison Portland Cement Co. in 1899. He tried to promote widespread use of cement for the construction of low-cost homes and envisioned alternative uses for concrete in the manufacture of phonographs, furniture, refrigerators, and pianos. Unfortunately, Edison was ahead of his time with these ideas, as widespread use of concrete proved economically unfeasible at that time.

Motion Pictures

In 1888, Edison met Eadweard Muybridge at West Orange and viewed Muybridge's zoopraxiscope. This machine used a circular disc with still photographs of the successive phases of movement around the circumference to recreate the illusion of movement. Edison declined to work with Muybridge on the device and decided to work on his own motion picture camera at his laboratory. As Edison put it in a caveat written the same year, "I am experimenting upon an instrument which does for the eye what the phonograph does for the ear." 4

The task of inventing the machine fell to Edison's associate William K. L. Dickson. Dickson initially experimented with a cylinder-based device for recording images, before turning to a celluloid strip. In October of 1889, Dickson greeted Edison's return from Paris with a new device that projected pictures and contained sound. After more work, patent applications were made in 1891 for a motion picture camera, called a Kinetograph, and a Kinetoscope, a motion picture peephole viewer.

Kinetoscope parlors opened in New York and soon spread to other major cities during 1894. In 1893, a motion picture studio, later dubbed the Black Maria (the slang name for a police paddy wagon which the studio resembled), was opened at the West Orange complex. Short films were produced using variety acts of the day. Edison was reluctant to develop a motion picture projector, feeling that more profit was to be made with the peephole viewers.

When Dickson aided competitors on developing another peephole motion picture device and the eidoloscope projection system, later to develop into the Mutoscope, he was fired. Dickson went on to form the American Mutoscope Co. along with Harry Marvin, Herman Casler, and Elias Koopman. Edison subsequently adopted a projector developed by Thomas Armat and Charles Francis Jenkins and re-named it the Vitascope and marketed it under his name. The Vitascope premiered on April 23, 1896, to great acclaim.

Competition from other motion picture companies soon created heated legal battles between them and Edison over patents. Edison sued many companies for infringement. In 1909, the formation of the Motion Picture Patents Co. brought a degree of cooperation to the various companies who were given licenses in 1909, but in 1915, the courts found the company to be an unfair monopoly.

In 1913, Edison experimented with synchronizing sound to film. A Kinetophone was developed by his laboratory which synchronized sound on a phonograph cylinder to the picture on a screen. Although this initially brought interest, the system was far from perfect and disappeared by 1915. By 1918, Edison ended his involvement in the motion picture field.

Edison's Later Years

In 1911, Edison's companies were re-organized into Thomas A. Edison, Inc. As the organization became more diversified and structured, Edison became less involved in the day-to-day operations, although he still had some decision-making authority. The goals of the organization became more to maintain market viability than to produce new inventions frequently.

A fire broke out at the West Orange laboratory in 1914, destroying 13 buildings. Although the loss was great, Edison spearheaded the rebuilding of the lot.

See Caption Below

When Europe became involved in World War I, Edison advised preparedness, and felt that technology would be the future of war. He was named head of the Naval Consulting Board in 1915, an attempt by the government to bring science into its defense program. Although mainly an advisory board, it was instrumental in the formation of a laboratory for the Navy which opened in 1923, although several of Edison's suggestions on the matter were disregarded. During the war, Edison spent much of his time doing naval research, in particular working on submarine detection, but he felt that the navy was not receptive to many of his inventions and suggestions.

In the 1920s, Edison's health became worse, and he began to spend more time at home with his wife. His relationship with his children was distant, although Charles was president of Thomas A. Edison, Inc. While Edison continued to experiment at home, he could not perform some experiments that he wanted to at his West Orange laboratory because the board would not approve them. One project that held his fascination during this period was the search for an alternative to rubber.

Henry Ford, an admirer and friend of Edison's, reconstructed Edison's invention factory as a museum at Greenfield Village, Michigan, which opened during the 50th anniversary of Edison's electric light in 1929. The main celebration for Light's Golden Jubilee, co-hosted by Ford and General Electric, took place in Dearborn along with a huge celebratory dinner in Edison's honor attended by notables such as President Hoover, John D. Rockefeller, Jr., George Eastman, Marie Curie, and Orville Wright. Edison's health, however, had declined to the point that he could not stay for the entire ceremony.

For his last two years, a series of ailments caused his health to decline even more until he lapsed into a coma on October 14, 1931. He died on October 18, 1931, at his estate, Glenmont, in West Orange, New Jersey.

  • Martin V. Melosi, Thomas A. Edison and the Modernization of America , (Glenview, Illinois: Scott, Foresman/Little, Brown Higher Education, 1990) p. 8. [ Return to text ]
  • Poster for Thomas A. Edison 150th Anniversary, 1847-1997, United States Department of the Interior, National Park Service, Edison National Historic Site, West Orange, New Jersey. [ Return to text ]
  • Melosi, p. 73. [ Return to text ]
  • Matthew Josephson, Edison: A Biography , (New York: John Wiley & Sons, Inc., 1959) p. 386. [ Return to text ]

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    History of light bulb | in hindi | invention of light bulb | Thomas Alva Edison biography in Hindi। बल्ब के आविष्कार का पूरा इतिहासhistory of ...

  16. थॉमस ऐल्वा एडीसन का जीवन परिचय Thomas Alva Edison Biography In Hindi

    Thomas Alva Edison Biography In Hindi - Thomas Alva Edison Story In Hindi दोस्तो आज के इस ब्लॉग में हम आप को थॉमस अल्वा एडीसन के बारे में जानकारी देंगे। इन महान हस्ती का नाम तो हम सभी ने सुना तो ...

  17. 10 Lines about Thomas Alva Edison in Hindi

    10 Lines about Thomas Alva Edison in Hindi. थॉमस अल्‍वा एडिसन को विश्‍व का महान आविष्‍कारक माना जाता है।. उनके आविष्कारों ने लोगों का जीवन सुगम बना दिया था ...

  18. essay on Thomas Alva Edison in Hindi।। थॉमस ...

    essay on Thomas Alva Edison in Hindi।। थॉमस अल्वा एडिसन पर हिंदी में निबंधAbout this video:-This video is about the biography of ...

  19. थॉमस अल्वा एडिसन

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  20. Thomas Alva Edison Story In Hindi Full Documetary

    #Thomasalvaedisonstoryinhindi #documentary #ThomasedisonstoryinhindiThomas Alva Edison was an American inventor and businessman. He developed many devices in...

  21. Life of Thomas Alva Edison

    One of the most famous and prolific inventors of all time, Thomas Alva Edison exerted a tremendous influence on modern life, contributing inventions such as the incandescent light bulb, the phonograph, and the motion picture camera, as well as improving the telegraph and telephone. In his 84 years, he acquired an astounding 1,093 patents. Aside from being an inventor, Edison also managed to ...

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